scriptमंदिर से 50 किलो सोने का कलश चोरी | Theft of 50 kg of gold from the temple | Patrika News

मंदिर से 50 किलो सोने का कलश चोरी

locationशिवपुरीPublished: Jul 26, 2018 10:41:15 pm

Submitted by:

Rakesh shukla

300 साल पुराना कलश था रामजानकी मंदिर में, बाजार में कलश की कीमत
 

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मंदिर से 50 किलो सोने का कलश चोरी



खनियांधाना-शिवपुरी। जिले के खनियांधाना कस्बे में मौजूद स्टेट कालीन किले से चोर बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात 300 साल पुराना 50 किलो वजनी सोने का कलश चोरी करके ले गए। घटना की जानकारी सुबह लगने के बाद पूरे कस्बे में हडक़ंप की स्थिति निर्मित हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी है। वहीं इस कलश की बाजार में कीमत करीब 15 करोड़ रुपए बताई जा रही है। पूर्व में भी चोर इस कलश चुराने का प्रयास कर चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक खनियांधाना नगर में स्टेट टाइम का किला है। इसमें एक प्राचीन मंदिर है, जिसके शिखर पर एक ५० किलो वजनी सोने का कलश लगा हुआ था। किले में खनियांधाना के राजा रहे खलकसिंह जूदेव के परिजन व नगर पंचायत अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह बुंदेला निवास करते हैं। बीती रात चोरों ने बड़ी सफाई से मंदिर पर लगे 50 किलो वजनी कलश को चुराकर ले गए। सुबह 6 बजे शैलेन्द्र जब भोपाल जाने के लिए घर से निकले तो अचानक से उनकी नजर मंदिर के गुम्मद पर चली गई। गुम्मद पर लगा सोने का कलश उनको नहीं दिखा। इस पर शैलेन्द्र ने आसपास रहने वाले लोगों को बुलाकर दिखवाया तो कलश गुम्मद से गायब था। बाद में मामले की सूचना पुलिस को दी गई, तो मौके पर टीआई राकेश शर्मा सहित पुलिस बल पहुंचा और प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। घटना के बाद से बाजार बंद है तथा नगरवासियों ने प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम देकर चोरों को पकडऩे की मांग की है। एसपी शिवपुरी राजेश कुमार हिंगणकर का कहना है कि फरियादी के मुताबिक सोने का कलश बताया जा रहा है। प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। जल्द ही मामले का खुलासा करेंगे।
घटना के विरोध में बाजार बंद
आखिरकार अंर्तराष्ट्रीय बदमाशों ने तीसरी प्रयास में खनियांधाना किले के मंदिर पर लगे सोने के कलश को अपना निशाना बना लिया। इससे पूर्व दो बार बदमाशों ने इस कलश को चुराने का प्रयास किया, लेकिन दोनों बार पुलिस की सर्तकता से यह कलश चोरी जाने से बच गया था, लेकिन इस बार बदमाश अपने मंसूबों में कामयाब हो गए। किले के मंदिर से सोने का कलश चोरी होने को लेकर पूरा बाजार बंद कर, नगरवासियों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर २४ घंटे में चोरों को पकडऩे का अल्टीमेटम दिया, अन्यथा की स्थिति में उग्र आंदोलन किया जाएगा। इधर पुलिस ने भी दो दिन के अंदर चोरों को पकडऩे की बात कही है। जानकारी के मुताबिक किले में स्थित रामजानकी मंदिर पर करीब 300 साल पूर्व तत्कालीन राजा ने ने एक ५० किलो वजनी सोने का कलश स्थापित किया था। पिछले कुछ सालों से इस कलश पर देश व बाहर के बड़े बदमाशों की नजर थी। बदमाशों ने इस चुराने का प्रयास सबसे पहले वर्ष 1983 में किया, उस समय एक वाहन में सवार होकर बड़ी संख्या में बदमाश आए थे, जिनको पुलिस ने संदेह के आधार पर पकड़ लिया और जब उसकी तलाशी ली गई तो उसमें भारी मात्रा में गोला बारूद मिला था। बदमाशों ने खुद स्वीकार किया था कि वे किले के मंदिर में लगे सोने के कलश को चुराने आए थे। दूसरी बार बदमाशों ने 28 फरवरी 2006 को इस मंदिर पर लगे कलश पर धावा बोला, लेकिन पुलिस को सूचना लगने से बदमाश मौके से फरार हो गए और मौके से पुलिस ने नसेनी, रस्सी व अन्य सामान जब्त किया था। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि पहले दो बार कलश चुराने का प्रयास कर चुके बदमाशों ने ही इस घटना को अंजाम दिया है या फिर अन्य बदमाशों ने। घटना के बाद किला परिसर में भारी संख्या में नगर के लोग एकत्रित हो गए। सभी ने नगर परिषद अध्यक्ष शैलेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपकर चोरों को 24 घंटे में पकडऩे की मांग की है।
नादेड़ से आए कारीगरों पर संदेह
नगर पंचायत अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि 2006 में हुई घटना में जिन चोरों ने कलश चुराने का प्रयास किया था, वह उस समय तो कामयाब नही हो पाए थे और उनका पता भी नहीं चल पाया था कि वे चोर कौन थे?। अब हो सकता है कि इस घटना में वही चोर हों और इस बार वे सफल हो गए। इसके अलावा तीन माह पूर्व उन्होंने उसी गुम्मद की मरम्मत का काम कराया था और इसके लिए महाराष्ट्र के नादेड़ में रहने वाले कारीगर आए थे। शायद उनमें से किसी का इस घटना से कोई लेना-देना हो।
बनाई स्पेशल टीम, 10 हजार का इनाम घोषित
एसपी राजेश कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जहां अज्ञात चोरो के बारे में सुराग देने वाले को 10 हजार रूपए का ईनाम देने की घोषणा की है। वही इस मामले को ट्रेस करने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गईहै जिसमें खनियाधाना प्रभारी राकेश शर्मा, उप निरी धर्म सिंह कुशवाह, उप निरी बृजमोहन रावत, सउनि नरेन्द्र शर्मा, सउनि प्रवीण त्रिवेदी, सउनि वासुदेव रावत व हवलदार गोकरण शर्मा को तैनात किया गया है।
ओरछा मंदिर के बाद इस मंदिर में लगा था कलश
अभी तक राज परिवार से मिली जानकारी के मुताबिक वह ओरछा के राज परिवार का ही हिस्सा थे। बाद में वे वहां से निकलकर खनियांधाना आ गए। करीब 300 से 400 साल पूर्व पहले ओरछा के रामराजा मंदिर पर सोने का कलश चढ़ाया गया और फिर कुछ सालों बाद खनियांधाना में स्थित रामजानकी मंदिर पर। खास बात यह है कि यह कलश इतने सालों से लगा है और आज तक यह कभी खराब नही हुआ।
– चूंकि किला चारों तरफ से रिहायशी बस्ती से घिरा हुआ है। आसानी से कोई यहां आ नही सकता। बस सीसीटीवी कैमरे लगवाने में चूक हो गई। अब पुलिस प्रशासन से उम्मीद है कि वह एक स्पेशल टीम बनाकर चोरो को पकड़े। आगे से सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
शैलेन्द्र सिंह बुंदेला
राजपरिवार के वंशज व नगर परिषद अध्यक्ष खनियाधाना।
300 साल पुराना कलश था रामजानकी मंदिर में, बाजार में कलश की कीमत

पुलिस मामले की जांच में जुटी, पूर्व में भी हो चुका है चोरी का प्रयास
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खनियांधाना-शिवपुरी। जिले के खनियांधाना कस्बे में मौजूद स्टेट कालीन किले से चोर बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात 300 साल पुराना 50 किलो वजनी सोने का कलश चोरी करके ले गए। घटना की जानकारी सुबह लगने के बाद पूरे कस्बे में हडक़ंप की स्थिति निर्मित हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी है। वहीं इस कलश की बाजार में कीमत करीब 15 करोड़ रुपए बताई जा रही है। पूर्व में भी चोर इस कलश चुराने का प्रयास कर चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक खनियांधाना नगर में स्टेट टाइम का किला है। इसमें एक प्राचीन मंदिर है, जिसके शिखर पर एक ५० किलो वजनी सोने का कलश लगा हुआ था। किले में खनियांधाना के राजा रहे खलकसिंह जूदेव के परिजन व नगर पंचायत अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह बुंदेला निवास करते हैं। बीती रात चोरों ने बड़ी सफाई से मंदिर पर लगे 50 किलो वजनी कलश को चुराकर ले गए। सुबह 6 बजे शैलेन्द्र जब भोपाल जाने के लिए घर से निकले तो अचानक से उनकी नजर मंदिर के गुम्मद पर चली गई। गुम्मद पर लगा सोने का कलश उनको नहीं दिखा। इस पर शैलेन्द्र ने आसपास रहने वाले लोगों को बुलाकर दिखवाया तो कलश गुम्मद से गायब था। बाद में मामले की सूचना पुलिस को दी गई, तो मौके पर टीआई राकेश शर्मा सहित पुलिस बल पहुंचा और प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। घटना के बाद से बाजार बंद है तथा नगरवासियों ने प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम देकर चोरों को पकडऩे की मांग की है। एसपी शिवपुरी राजेश कुमार हिंगणकर का कहना है कि फरियादी के मुताबिक सोने का कलश बताया जा रहा है। प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। जल्द ही मामले का खुलासा करेंगे।
घटना के विरोध में बाजार बंद
आखिरकार अंर्तराष्ट्रीय बदमाशों ने तीसरी प्रयास में खनियांधाना किले के मंदिर पर लगे सोने के कलश को अपना निशाना बना लिया। इससे पूर्व दो बार बदमाशों ने इस कलश को चुराने का प्रयास किया, लेकिन दोनों बार पुलिस की सर्तकता से यह कलश चोरी जाने से बच गया था, लेकिन इस बार बदमाश अपने मंसूबों में कामयाब हो गए। किले के मंदिर से सोने का कलश चोरी होने को लेकर पूरा बाजार बंद कर, नगरवासियों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर २४ घंटे में चोरों को पकडऩे का अल्टीमेटम दिया, अन्यथा की स्थिति में उग्र आंदोलन किया जाएगा। इधर पुलिस ने भी दो दिन के अंदर चोरों को पकडऩे की बात कही है। जानकारी के मुताबिक किले में स्थित रामजानकी मंदिर पर करीब 300 साल पूर्व तत्कालीन राजा ने ने एक ५० किलो वजनी सोने का कलश स्थापित किया था। पिछले कुछ सालों से इस कलश पर देश व बाहर के बड़े बदमाशों की नजर थी। बदमाशों ने इस चुराने का प्रयास सबसे पहले वर्ष 1983 में किया, उस समय एक वाहन में सवार होकर बड़ी संख्या में बदमाश आए थे, जिनको पुलिस ने संदेह के आधार पर पकड़ लिया और जब उसकी तलाशी ली गई तो उसमें भारी मात्रा में गोला बारूद मिला था। बदमाशों ने खुद स्वीकार किया था कि वे किले के मंदिर में लगे सोने के कलश को चुराने आए थे। दूसरी बार बदमाशों ने 28 फरवरी 2006 को इस मंदिर पर लगे कलश पर धावा बोला, लेकिन पुलिस को सूचना लगने से बदमाश मौके से फरार हो गए और मौके से पुलिस ने नसेनी, रस्सी व अन्य सामान जब्त किया था। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि पहले दो बार कलश चुराने का प्रयास कर चुके बदमाशों ने ही इस घटना को अंजाम दिया है या फिर अन्य बदमाशों ने। घटना के बाद किला परिसर में भारी संख्या में नगर के लोग एकत्रित हो गए। सभी ने नगर परिषद अध्यक्ष शैलेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपकर चोरों को 24 घंटे में पकडऩे की मांग की है।
नादेड़ से आए कारीगरों पर संदेह
नगर पंचायत अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि 2006 में हुई घटना में जिन चोरों ने कलश चुराने का प्रयास किया था, वह उस समय तो कामयाब नही हो पाए थे और उनका पता भी नहीं चल पाया था कि वे चोर कौन थे?। अब हो सकता है कि इस घटना में वही चोर हों और इस बार वे सफल हो गए। इसके अलावा तीन माह पूर्व उन्होंने उसी गुम्मद की मरम्मत का काम कराया था और इसके लिए महाराष्ट्र के नादेड़ में रहने वाले कारीगर आए थे। शायद उनमें से किसी का इस घटना से कोई लेना-देना हो।
बनाई स्पेशल टीम, 10 हजार का इनाम घोषित
एसपी राजेश कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जहां अज्ञात चोरो के बारे में सुराग देने वाले को 10 हजार रूपए का ईनाम देने की घोषणा की है। वही इस मामले को ट्रेस करने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गईहै जिसमें खनियाधाना प्रभारी राकेश शर्मा, उप निरी धर्म सिंह कुशवाह, उप निरी बृजमोहन रावत, सउनि नरेन्द्र शर्मा, सउनि प्रवीण त्रिवेदी, सउनि वासुदेव रावत व हवलदार गोकरण शर्मा को तैनात किया गया है।
ओरछा मंदिर के बाद इस मंदिर में लगा था कलश
अभी तक राज परिवार से मिली जानकारी के मुताबिक वह ओरछा के राज परिवार का ही हिस्सा थे। बाद में वे वहां से निकलकर खनियांधाना आ गए। करीब 300 से 400 साल पूर्व पहले ओरछा के रामराजा मंदिर पर सोने का कलश चढ़ाया गया और फिर कुछ सालों बाद खनियांधाना में स्थित रामजानकी मंदिर पर। खास बात यह है कि यह कलश इतने सालों से लगा है और आज तक यह कभी खराब नही हुआ।
– चूंकि किला चारों तरफ से रिहायशी बस्ती से घिरा हुआ है। आसानी से कोई यहां आ नही सकता। बस सीसीटीवी कैमरे लगवाने में चूक हो गई। अब पुलिस प्रशासन से उम्मीद है कि वह एक स्पेशल टीम बनाकर चोरो को पकड़े। आगे से सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
शैलेन्द्र सिंह बुंदेला
राजपरिवार के वंशज व नगर परिषद अध्यक्ष खनियाधाना।
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