उल्लेखनीय है कि धीरे-धीरे शहर के हर क्षेत्र में जल संकट गहराता जा रहा है। इसी क्रम में ग्वालियर वायपास क्षेत्र में स्थित कॉलोनियों के लोगों को भी पानी की तलाश में हर रोज घर से निकलना पड़ रहा है।
इन लोगों के साथ गनीमत सिर्फ इतनी है कि अगर मड़ीखेड़ा जलावर्धन योजना की पाइप लाइन से अगर पानी आ रहा होता है तो उन्हें पानी की तलाश में इधर-उधर नहीं भटकना पड़ता है।
इस क्षेत्रकी कुछ महिलाएं और बच्चे शुक्रवार की सुबह जब इस हाईडेंट पर पानी भरते दिखीं तो उनसे यह जानने का प्रयास किया कि, आपके घर में नल नहीं हैं क्या…? इस पर महिलाओं और बच्चों का कहना था कि उनके यहां नल कनेक्शन तो हैं, परंतु कभी आते नहीं हैं। उन्होंने नल न आने का कारण बताते हुए कहा कि नल खोलने वाला पंप अटेंडर नल खोलने के एवज में पैसों की मांग करता है।
इस वजह से उन्हें पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। इसी हाईडेंट पर फिजीकल क्षेत्र का एक व्यक्ति शेरू खटीक भी अपनी बाइक पर एक साथी के साथ बहुत सारी पानी की कट्टियां लेकर पानी भरने के लिए आया था।
जब शेरू से पूछा की वह फिजिकल से यहां तक पानी लेने क्यों आया है ? तो उसने बताया कि उनके यहां पंप अटेंडर पांच दिन में एक दिन नल खोलता है। इस कारण हफ्ते में एकाध दिन छोड़कर हर दिन पानी की तलाश में यहां से वहां भटकना पड़ता है। इस क्षेत्र के कई लोग गोविंदपुरी के बोर पर भी पानी भरते मिले, उन लोगों के अनुसार भी नल न आने के कारण पानी भरने के लिए इतनी दूर तक आना बताया गया।