जीव विज्ञान से हायरसेकंडरी न करने वाली नर्सों की नौकरी पर खतरा
तीन दर्जन नर्सों की नौकरी पर खतरा, सीएमएचओ कार्यालय से नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

शिवपुरी. जीव विज्ञान से हायर सेकंडरी किए बिना जिला अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों पर वर्षों से नौकरी कर रहीं करीब डेढ़ दर्जन नर्सों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि इन्हें सीएमएचओ कार्यालय से नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण न देने पर विभाग ने एक तरफा कार्रवाई करने के बात कही है।
जानकारी के अनुसार सीएमएचओ कार्यालय से जिले भर की ऐसी नर्सों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिन्होंने जीव विज्ञान से हायर सेकंडरी नहीं की है। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल के संज्ञान में आया है कि कई कर्मचारी कूटरचित, फर्जी या अपूर्ण दस्तावेजों के आधार पर सेवा में कार्यरत हैं, इसलिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मप्र भोपाल के निर्देश पर एचआरएमआईएस सॉफ्टवेयर में आपके दस्तावेज अपलोड के समय दस्तावेजों की छायाप्रति के अवलोकन में समिति द्वारा पाया गया कि आपने जीव विज्ञान विषय से हायर सेकेण्डरी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की हैं। यह स्टाफ नर्स की शैक्षणिक योग्यता की श्रेणी में आता है। नर्सों से इस संबंध में स्पष्टीकरण भी मांगा गया है, कि वह आखिर नौकरी कैसे कर रही हैं? यह नोटिस तीन दर्जन नर्सों को जारी किए गए हैं। पत्रिका ने जब इस संबंध में पड़ताल की तो पता चला कि इस तरह की कार्रवाई प्रदेश भर में नहीं चल रही है और न ही संभाग के किसी अन्य जिले में। इस संबंध में भोपाल से भी कार्रवाई के संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं। यह कार्रवाई किसके आदेश पर हो रही है, इसकी जानकारी भी जिम्मेदार नहीं दे सके। फिलहाल माामले की जांच करने की बात कही जा रही है, हालांकि कुछ नर्सों ने दबी जुबान में पहचान उजागर न करने की शर्त पर यह बात भी स्वीकार की है कि नोटिस के माध्यम से उन पर पैसों के लिए प्रेशर बना कर यह कहा जा रहा है कि तुम लोग अपनी नौकरी कैसे बचाओगी? इस संबंध में जब सीएमएचओ डॉ. एमएस सागर को फोन लगाया गया तो उनका फोन नहीं लगा।
फिर महाकौशल में कैसे हुआ रजिस्ट्रेशन?
नर्सों का कहना है कि यदि नर्सिंग के लिए जीव विज्ञान अनिवार्य था तो उन्हें जीएनएम की ट्रेनिंग कैसे करा दी गई। उनके अनुसार जब नौकरी कर रहीं नर्सों की डिग्री अवैध हैं तो फिर शासन ने उनका महाकौशल में रजिस्ट्रेशन कैसे कर दिया। इसके अलावा जब उन्हें नौकरी दी गई थी तब भी तो उनके दस्तावेज और शैक्षणिक डिग्री चेक की गई थीं। यदि उनकी डिग्री अवैध थीं तो फिर उन्हें उस समय नौकरी कैसे दी गईं। इसके अलावा जब उनकी संविदा अवधि रिन्यू की गई तब भी तो उनकी डिग्री को स्वीकार किया गया था।
फिर महाकौशल में कैसे हुआ रजिस्ट्रेशन?
नर्सों का कहना है कि यदि नर्सिंग के लिए जीव विज्ञान अनिवार्य था तो उन्हें जीएनएम की ट्रेनिंग कैसे करा दी गई। उनके अनुसार जब नौकरी कर रहीं नर्सों की डिग्री अवैध हैं तो फिर शासन ने उनका महाकौशल में रजिस्ट्रेशन कैसे कर दिया। इसके अलावा जब उन्हें नौकरी दी गई थी तब भी तो उनके दस्तावेज और शैक्षणिक डिग्री चेक की गई थीं। यदि उनकी डिग्री अवैध थीं तो फिर उन्हें उस समय नौकरी कैसे दी गईं। इसके अलावा जब उनकी संविदा अवधि रिन्यू की गई तब भी तो उनकी डिग्री को स्वीकार किया गया था।
अब पाइए अपने शहर ( Shivpuri News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज