ज्ञात रहे कि बुधवार को दो कौओं की मौत के बाद से न केवल पशु चिकित्सा विभाग बल्कि आमजन भी अलर्ट हो गए और वो पक्षियों पर नजर रखे हुए हैं। बुधवार को पशु चिकित्सा विभाग को सूचना मिली कि पोहरी रोड पर स्थित हनुमान कॉलोनी में एक कौआ मृत पड़ा है, वहीं इसी रोड पर आगे ग्राम सिंहनिवास में एक कबूतर तथा बछौरा में दत्ता के फार्म पर एक चिडिय़ा मृत पड़ी मिली। स्थानीय लोगों ने पक्षियों की मौत की सूचना जब पशु चिकित्सा विभाग को दी तो उन्होंने मौके पर जाकर मृत पक्षियों की देह को जांच के लिए भेज दिया। हालांकि अभी तक बुधवर को मृत मिले कौओं की सैंपल जांच रिपोर्ट नहीं आई। शिवपुरी में हो रही पक्षियों की मौत का कारण भले ही अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन पशु चिकित्सा विभाग एवं प्रशासन इसमें किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता। यही वजह है कि गुरुवार देर शाम कलेक्ट्रेट में बर्ड फ्लू की आशंका के चलते बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सभी आशंकाओं व कुशंकाओं पर चर्चा की गई।
प्राथमिक स्टेज में नहीं दिखे लक्षण
पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर व बर्ड फ्लू रोकथाम प्रभारी संजीव गौतम ने बताया कि बुधवार को मृत मिले कौए व गुरुवार को मिले तीनों मृत पक्षियों को जब देखा तो प्रायमरी स्टेज में उनमें फ्लू के लक्षण नजर नहीं आ रहे। साथ ही उन्होंने कहा कि पक्षियों की मौत की वजह तो सैंपल जांच के बाद ही सामने आ पाएगी। डॉ. गौतम ने बताया कि बर्ड फ्लू भी एक तरह से इंसानों की तरह पक्षी में होने वाला फ्लू है और यदि किसी पक्षी की इस बीमारी से मौत होती है तो उसकी आंखों में सूजन व नाक बहने जैसे प्रायमरी लक्षण नजर आते हैं। फिलहाल मृत पक्षियों की जांच रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
12 दिन में 11 जिलों में कौओं की हुई अप्राकृतिक मौत
संचालक पशुपालन डॉ. आरके रोकड़े ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 26 दिसंबर 2020 से 6 जनवरी 2021 तक 12 दिनों में मध्यप्रदेश के 11 जिलों में कौओं की अप्राकृतिक मौत हुई है। उक्त सभी मृत कौओं के सैंपल जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट के अनुसार अभी तक इंदौर, मंदसौर व आगर-मालवा में मृत हुए कौओं में एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई है। हालांकि अभी सभी जिलों में मृत हुए कौओं की जांच रिपोर्ट नहीं आई है।
मुर्गा व अंडे को दी हरी झंडी
बर्ड फ्लू का सबसे अधिक असर पोल्ट्री फार्म कारोबार पर होता है, लेकिन संचालक पशुपालन ने बताया है कि बर्ड फ्लू का वायरस 70 डिग्री तापमान पर नष्ट हो जाता है, जबकि अंडा या मुर्गा इससे अधिक तापमान में पकाया जाता है, इसलिए इससे खतरा अधिक नहीं है। फिर भी उन्होंने कहा है कि पोल्ट्री फार्म में समूह के रूप में रहने वाले मुर्गा-मुर्गी पर स्टाफ नजर बनाए रखे, ताकि उनमें यदि यह बीमारी आती है, तो उन्हें सुरक्षित अलग किया जा सके।