हाईवे पर स्थित पूरनखेड़ी टोल यूं हीं हमेशा चर्चा में रहता है, जहां प्रत्येक दिन विवाद होते रहते हैं। पड़ोरा से राजस्थान जाने वाले लोगों को खरई पर टोल टैक्स देना पड़ता है, जबकि तीसरा टोल देहरदा-पचावली पर मौजूद है। पूरनखेड़ी टोल नाके पर रात्रि के समय फास्ट टेग मशीन खराब होने पर डबल चार्ज लिया जा रहा है, फास्ट टेग भी और नगद भी वसूल किया जाता है। जो नहीं देते उन्हें वहां तैनात बंदूकधारी कर्मचारी इर्दगिर्द घूमते हैं, उनसे विवाद की बजाए वहां से बचकर निकलने का रास्ता ढूंढ़ते हैं।
बदरवास निवासी गोविंद अवस्थी बीते रोज कोटा जा रहे थे तभी उनकी गाड़ी को रोक लिया। फिर जब शिकायत शाखा में शिकायत की गई तब काफी देर करीब एक घंटे मशक्कत के बाद निकलने दिया गया। यह कोई पहला वाकया नहीं है, बल्कि यहां पर आए दिन इसी तरह के विवाद होते रहते हैं।
पूरनखेड़ी पर टोल पूरा, सुविधा अधूरी बदरवास से महज 15 किमी दूर पूरनखेड़ी टोल, सबसे महंगा टोल है और इस टोल पर बगैर पुलिस वेरिफिकेशन के तैनात कर्मचारी, इस टोल से निकलने वालों से विवाद करते आसानी से देखे जाते हंै। यहां हमेशा टोल पर लंबी लाइन लगी रहती है। यह टोल एक बार तब चर्चा में आया था जब भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकमार चौहान सहित प्रदेश के कई जनप्रतिनिधियों से यहां विवाद हो गया था।
बन्द रहती है हाईवे की लाइटें नियमानुसान तो जब टोल लिया जाता है तो वहां सुविधा भी पूरी मिलनी चाहिए, लेकिन यहां ऐसा नही है। गुना से लेकर शिवपुरी तक की व्यवस्था का जिम्मा है, लेकिन देखा जाए तो एक दर्जन अंडरपास है लेकिन उन पर लगे खंबों पर लाइट नहीं जलती है। इसके अलावा गुना से लेकर शिवपुरी तक 110 किमी की सडक़ पर जगह-जगह गड्ढे होने के साथ ही सडक़ कई जगह बिना डामरीकरण की होने की वजह से वाहन चालकों केा परेशानी झेलनी पड़ती है।
देहरदा पर गंगोत्री टोलटैक्स यह टोल जब से प्रारंभ हुआ है तब से लेकर अभी तक टोल तो वसूला जा रहा है, लेकिन यहां तक पहुंचने वाली सडक़ की मरम्मत पर किसी ने ध्यान नही दिया। जबकि सडक़ के मेंटेनेंस का जिम्मा इस टोल का ही है। सडक़ के नाम पर यहां गहरे गड्ढेे एवं इन गड्ढों के कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं, बावजूद इसके उक्त ठेकेदार के द्वारा कोई मेंटेनेंस नहीं कराया जा रहा, जिसके चलते टोल चुकाने भी हिचकोले लेकर ही निकल रहे हैं।
बोले एनएचएआई प्रभारी: सुधरवाएंगे व्यवस्थाएं तीन टोल में से एक टोल तो स्टेट हाईवे पर है, जबकि दो टोल नेशनल हाईवे पर हैं। दो नेशनल हाईवे इतने नजदीक हैं तो उसकी गाइड लाइन क्या है, यह पता करवाते हैंं। सडक़ों की दुरुस्ती व लाइटों को बदलने का काम जल्द ही करवाएंगे।
गणेश राय, प्रोजेक्ट प्रभारी एनएचएआई गुना
गणेश राय, प्रोजेक्ट प्रभारी एनएचएआई गुना