script

आज के बाद जिला अस्पताल में नहीं मिलेंगे बच्चों के विशेषज्ञ डॉक्टर

locationशिवपुरीPublished: Dec 30, 2017 10:40:23 pm

Submitted by:

shyamendra parihar

मेडिकल ऑफिसर्स के भरोसे शिवपुरी जिला अस्पताल

District Hospital, Medical Specialist, VRS, Child Specialist, shivpuri news, shivpuri news in hindi, mp news
शिवपुरी। 31 दिसंबर के बाद शिवपुरी जिला अस्पताल पूरी तरह से मेडिकल ऑफीसर्स के भरोसे हो जाएगा। यहां पिछले डेढ़ साल से मेडिकल विशेषज्ञों का तो अभाव चल ही रहा है, अब यहां एक भी चाइल्ड स्पेशलिस्ट भी नहीं रहेगा। कुल मिलाकर शिवपुरी जिला अस्पताल सिर्फ रैफरल सेंटर बनकर रह जाएगा।
उल्लेखनीय है कि शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में करीब डेढ़ साल पहले चार मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉक्टरों ने एक साथ बीआरएस ले लिया था, जिसके बाद आज तक यहां एक भी मेडिकल स्पेशलिस्ट की पोस्टिंग नहीं हो सकी। इसका परिणाम यह हुआ कि जिले भर के मरीजों को अस्पताल में सिर्फ सामान्य बुखार और खांसी का इलाज ही उपलब्ध हो पा रहा है। यदि हार्ट अटैक या कोई गंभीर बीमारी हो जाती है तो मरीजों को सीधा ग्वालियर रैफर कर दिया जाता है। इसी क्रम में दो माह पूर्व चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. आरएस गुप्ता ने भी बीआरएस ले लिया, जिसके बाद यहां आने वाले गंभीर बीमार बच्चों का इलाज डॉ निसार अहमद और डॉ पीके दुबे के ऊपर आ गया, परंतु ३१ दिसम्बर को डॉ. निसार अहमद रिटायर्ड हो जाएंगे एवं डॉ पीके दुबे भी बीआरएस ले लेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि अब गंभीर रूप से बीमार बच्चों को भी रैफर टू ग्वालियर ही किया जाएगा। कुल मिलाकर यह कहा जाए कि अब शिवपुरी मेडिकल कॉलेज रैफरल सेंटर बनकर रह जाएगा तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। चिल्ड्रन वार्ड अब सिर्फ डॉ राजकुमार ऋषिश्वर व डॉ अनूप गर्ग के हवाले रह जाएगा। विचारणीय पहलू यह है कि ये दोनों डॉक्टर यहां आने वाले सैंकड़ों मरीज बच्चों को कैसे और कब तक संभालेंगे?

तीनों डॉक्टरों ने भी आने से किया इंकार
यहां बताना होगा कि पूर्व में शासन ने जिन दस मेडिकल ऑफीसर्स को शिवपुरी भेजा था उनमें से एक भी डॉक्टर ने ज्वाइन नहीं किया। इसके बाद तीन मेडिकल स्पेशलिस्ट की पोस्टिंग पिछले माह शिवपुरी में की गई, परंतु इन तीनों डॉक्टरों ने भी शिवपुरी आने से इंकार कर दिया है। ऐसे में अब यहां मरीजों और अस्पताल की हालत क्या होगी, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

मैं भी सुबह ओपीडी में बैठा करूंगा
यह बात सही है कि कल से बच्चों के दोनों डॉक्टर भी अस्पताल नहीं आएंगे। ऐसे में व्यवस्थाएं थोड़ी बहुत प्रभावित होंगी, परंतु सप्ताह भर बाद जब में छुट्टी से लौट कर आऊंगा तो मैं भी सुबह आठ से ११ बजे तक ओपीडी में बैठा करूंगा। इसके अलावा सब कुछ शासन के हाथ में है।
डॉ एसएस गुर्जर, आरएमओ

ट्रेंडिंग वीडियो