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कभी लाल बत्ती वाली गाड़ी में घुमने वाली राज्यमंत्री आज खा रही है दर दर की ठोकरे, जीने के लिए चरा रही है बकरियां

locationशिवपुरीPublished: Sep 20, 2018 02:59:56 pm

Submitted by:

Ashtha Awasthi

कभी लाल बत्ती वाली गाड़ी में घुमने वाली राज्यमंत्री आज खा रही है दर दर की ठोकरे, जीने के लिए चरा रही है बकरियां

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कोलारस। कहते ही कि कभी भी किसी इंसान को अपनी सफलता पर इतराना नहीं चाहिए क्योंकि समय बहुत बलवान होता है। समय का फेर कब राजा को रंक और रंक को राजा बना दे, इस बात को कोई नहीं जानता है। इसीलिए कहा जाता है कि कभी भी किसी गरीब को देखकर उसका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। अगर आप इस बात का उदाहरण देखना चाहते है तो जिला पंचायत सदस्य जूली आदिवासी का कहानी आपको जरूर जाननी चाहिए। बता दें कि जूली आदिवासी नाम की ये महिला कभी लाल बत्ती गाड़ी में घूमा करती थी और बड़े से बड़ा अधिकारी भी उसे मैडम कहकर बुलाते थे लेकिन आज समय के उलटफेर ने सब बदल दिया है। आज इस महिला की यह हालत है कि यह महिला अपना जीवन-यापन बड़ी मुश्किल से कर रही है।

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जानिए कौन है ये महिला

बता दें कि महिला बदरवास जनपद की ग्राम पंचायत रामपुरी के लुहारपुर ग्राम की निवासी है। इसकी नाम जूली है। अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए बहुत परेशान है। कभी जिला पंचायत के पद पर आसीन रही यह महिला अब गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है। एक समय था जब इनके आगे-पीछे बड़े-बड़े अधिकारी घूमते थे और मैडम कह कर बुलाते थे। ये बात तब कि है जुली को जब वार्ड क्रमांक-3 में जिला पंचायत सदस्य बनाया गया था। बाद में शिव पूरी के पूर्व विधायक वीरेंदर रघुवंशी ने उसे जिला पंचायत अध्यक्ष की गद्दी पर आसीन कराया था। साथ ही पांच साल तक उसे राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया। आज जूली कोलारस के पूर्व विधायक राम सिंह यादव के यहां मजदूरी करने को मजबूर है।

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पेट पालने के लिए चरा रही बकरियां

आज जूली के पास खाने के भी लाले पड़े हैं। वह पेट पालने के लिए बकरी चारा रही है उसे एक बकरी चराने का 50 रुपए महिना मिलता है। बता दें कि इस समय उसके पास 50 बकरी है। इस समय जूली के पास रहने को भी घर नहीं है। कई दिन पहले उसे आवास योजना की एक क़िस्त तो जारी कर दी गई लेकिन उसके बाद एक भी रुपया उसे नहीं मिला है। जूली बताती है कि उसे इंदिरा गाँधी आवास योजना का लाभ तो सरकारी रजिस्टरों के अनुसार मिल चुका है लेकिन उसके पास रहने के लिए मकान नहीं है। जूली को इस बात का दुख है कि जो अधिकारी उसके पीछे घूमते थे आज वे पलट कर भी नहीं देखते हैं।

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