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ग्रामीणों ने ली वोट न डालने की शपथ

locationशिवपुरीPublished: Nov 22, 2017 03:42:13 pm

Submitted by:

shyamendra parihar

ग्राम टपरियन के ग्रामीण बोले, हमें नहीं मिला शासन की योजनाओं का लाभ
 

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रन्नौद. ग्राम पंचायत देहरदा गणेश के ग्राम टपरियन के ग्रामीणों ने प्रशासनिक उपेक्षा से तंग आकर मंगलवार को कोलारस उपचुनाव में मतदान न करने की शपथ ली। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में किसी भी ग्रामीण को अब तक शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है। स्थिति यह है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास व उज्जवला योजना के तहत भी कोई भी सुविधा नहीं मिली है। गांव की कुल आबादी एक हजार के करीब है। गांव में स्कूल भी नहीं है। ऐसी स्थिति में बच्चों को गांव से तीन किमी दूर देहरदा गणेश पढऩे जाना पड़ता है। हमारी समस्याओं के प्रति न तो जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हंै और न ही अधिकारी। इसी उपेक्षा से खिन्न होकर हमने वोट न डालने की कसम ली है। जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक हम इस पर अडिग रहेंगे। शपथ लेने के दौरान गांव के प्रभु लाल जाटव, राम सिंह केवट,ए जानकीलाल केवट, मांगीलाल केवट, देवी लाल केवट, केशव केवट, शिवचरण जाटव, पन्नालाल केवट, कल्याण सिंह केवट, श्याम सिंह जाटव, कलुआ जाटव, कल्लू जाट आदि मौजूद थे।
ग्रामीणों ने मुझे समस्याएं बताई हंै। मैंने इस मामले कोलारस एसडीएम आरए प्रजापति से बात की है। उनका कहना है कि वे जल्द ही गांव में खुद आकर ग्रामीणों से चर्चा करेंगे और समस्या का निरारकण करेंगे।
योगेद्र रघुवंशी, जिला पंचायत सदस्य
विकास कार्यों के सहारे पार होगी चुनावी वैतरणी
बदरवास. कोलारस विधानसभा उपचुनाव ने कोलारस व बदरवास क्षेत्र में राजनैतिक सरगर्मियां शुरू हो गईं। कांग्रेस से जहां टिकिट के लिए अधिक खींचतान नहीं है, लेकिन देश व प्रदेश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी से टिकट मांगने वालों की फेहरिस्त लंबी होने से स्थिति अधिक खराब है। स्थानीय समस्याओं से जूझ रही जनता भी अब क्षेत्र में विकास की बात कर रही है और यह बात दोनों ही दल जानते हैं कि बिना विकास कार्यों के चुनावी वैतरणी पार करना मुश्किल होगा।
बदरवास क्षेत्र में 20 साल से सरकारी कॉलेज खोले जाने की मांग लगातार की जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भी घोषणा कर गए, लेकिन यह बहुप्रतीक्षित मांग अभी तक पूरी नहीं हो सकी।
बदरवास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त हैं। डॉक्टरों की कमी के बीच जांच आदि भी नहीं हो रहीं। अस्पताल को 50 बिस्तरीय किया जाए तथा खतौरा व रन्नौद में पर्याप्त स्टाफ नियुक्त किया जाए।
लंबे समय से एसडीएम कार्यालय एवं रजिस्ट्रार कार्यालय की मांग की जा रही है। इन दोनों ही कामों के लिए क्षेत्र के लोगों को कोलारस जाना पड़ता है।
– बदरवास क्षेत्र में बिजली के बड़े पावर हाउस की कमी महसूस की जा रही है। जिसके लिए 133 केवी का पावर स्टेशन की मांग काफी समय से की जा रही है।
– बदरवास से बारई होकर जाने वाली सडक़ लगभग 6 0 गांव को जोड़ती है। तथा राजस्थान बॉर्डर के आगे शाहबाद तक यह रोड जाती है। इस रोड को स्टेट हाईवे में शामिल किया जाए तो यह बदरवास से राजस्थान के लिए सीधा मार्ग हो जाएगा।
– क्षेत्र में सिंचाई की सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं। ऐसी स्थिति में 10 से 15 गांव के बीच बड़े तालाब बनाए जाएं। जिससे सिंचाई की सुविधा तो मिलेगी ही, वाटर लेबल भी बढ़ेगा।
– बदरवास में एक ही बैंक होने से नागरिक परेशान रहते हैं। जनसुविधा की दृष्टि से कम से कम दो राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाएं आवश्यक रूप से खोले जाने की आवश्यकता है।
– पूरे विधानसभा क्षेत्र में कोई भी उद्योग धंधा न होने से बेरोजगारी चरम पर है। हजारों बेरोजगार पलायन करते हैं, इसलिए कोई बड़ा उद्योग या फैक्ट्री खोली जाए, ताकि बेरोजगारी पर अंकुश लग सके।
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