विस में गूंजा था मामला
शिवपुरी में नशा कुछ इस तरह हावी हुआ था कि कोलारस विधायक ने मध्यप्रदेश की विधानसभा में कहा था कि शिवपुरी को उड़ता पंजाब बनने से बचाया जाए। इस मुद्दे पर कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया व क्षेत्रीय सांसद ने भी विरोध जताते हुए नशे के खिलाफ निकाली गई रैली में भी भागीदारी निभाई थी।
सबसे अधिक चिंतनीय प्रश्र यह है कि शिवपुरी शहर में ही आधा दर्जन से अधिक युवतियों के परिजन इस केंद्र पर संपर्क कर चुके हैं, लेकिन शिवपुरी में अभी नशे में डूबी लड़कियों के लिए केंद्र शुरू नहीं किया, इसलिए उन्हें ग्वालियर या इंदौर भेज रहे हैं।
शिवपुरी शहर की सरकुलर रोड पर एक नशा मुक्ति केंद्र अगम तोमर ने दो साल पूर्व शुरू किया। जिसमें वर्तमान में 40 लोगों की क्षमता है, जो सभी फुल हैं तथा दूसरे भी लाइन में लगे हैं। अगन ने बताया कि नशे के आदी व्यक्ति को उससे बाहर लाने में 4 से 6 या 9 माह तक लगते हैं। क्योंकि ड्रग एडिक्ट को बिना नशे के सामान्य स्थिति में लाने में ही 90 दिन तक का समय लगता है। फिर उसे बिना नशे के दूसरे कामों में व्यस्त करके उसे बदलने की कवायद की जाती है। सुबह उठने से लेकर योगा, नाश्ता, भोजन व शाम को खेलकूद आदि में जोडक़र रात को 10 बजे गुड नाइट होती है। अगम ने बताया कि नशा छुड़वाने के बाद भी हम उसकी मॉनीटरिंग करते हैं तथा उसे अपने केंद्र पर बुलवाते भी हैं। दो साल में कई लोगों को नशे से मुक्त करवाया है, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने वापस नशे की ओर मुडऩे की कोशिश की तो उन्हें खुद को अहसास हुआ कि कुछ गलत किया है।