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शहर में पानी सप्लाई करने वाली नपा ही प्राइवेट वाटर सप्लायरों के भरोसे

locationशिवपुरीPublished: Apr 02, 2019 10:44:47 pm

Submitted by:

Rakesh shukla

जल संकट गंभीर, वार्डों में टैंकर चलाने का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा
 

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शहर में पानी सप्लाई करने वाली नपा ही प्राइवेट वाटर सप्लायरों के भरोसे

शिवपुरी. जिस नगरपालिका पर शिवपुरी शहर को पानी पिलाने की जिम्मेदारी है, वो खुद प्राइवेट वाटर सप्लायरों के कैंपरों का पानी पी रही है। बड़ा बजट होने से नगरपालिका के हर दफ्तर में कैंपर रखा जा रहा है, लेकिन शहर की ढाई लाख की आबादी को पानी कहां से और कैसे मिलेगा?, इसका जवाब कोई नहीं दे रहा। सीएमओ ने सर्वे कराया तो नपा के सौ फीसदी ट्यूबवेलों में पानी कम होने से उनसे जुड़े अधिकांश कॉलोनी-मौहल्लों को पानी मिलना बंद हो गया।
एक तरफ शहर जहां प्राइवेट टैंकरों के भरोसे हो गया, वहीं दूसरी ओर वार्डों में पानी वितरण करने वाले टैंकरों के टेंडर की प्रकिया आचार संहिता में उलझ गई। नगरपालिका ने 8 दिन पूर्व चुनाव आयोग को परमीशन के लिए पत्र भेजा, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल सकी। एकाएक तापमान बढऩे से शहर में पानी की समस्या गंभीर हो गई तो पीआईसी के निर्णय से 22 वार्डों में एक-एक टैंकर शुरू कर दिया गया।
शहर में नपा के 624 बोर में उतरा पानी
नगरपालिका में पेयजल वितरण प्रभारी एसके मिश्रा ने जब शहर में मौजूद नपा के 624 ट्यूबवेलों का भौतिक सत्यापन कर सीएमओ को रिपोर्ट दी, तो उसमें सौ फीसदी बोर में पानी कम होने से ट्यूबवेलों के आसपास इलाकों में जल संकट गहरा गया। इनमें से अधिकांश को मौके पर खोल दिया गया, लेकिन उसमें भी पानी का पे्रशर कम हो गया। वहीं जो बोर अभी भी लाइन से जुड़े हैं, वो भी चंद घरों तक ही थोड़ा-बहुत पानी दे पा रहे हैं। जिसके चलते शहर में अभी से पानी का संकट गंभीर हो गया।
टैंकर की टेंडर प्रक्रिया पर आचार संहिता का ग्रहण
शिवपुरी शहर के 39 वार्डों में छोटे टैंकरों से होने वाले जल वितरण की टेंडर प्रक्रिया पर फिलहाल आचार संहिता का ग्रहण लग गया है। परिषद की बैठक देर से होने की वजह से टेंडर खुलने से पूर्व ही आचार संहिता लग गई। ऐसे में जबकि टेंडर न खुले न प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति मिली, तो फिर वार्डों मेें टैंकर कैसे चलाएं। नगरपालिका ने टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी कलक्टर अनुग्रहा पी को एक प्रस्ताव दिया है, जो चुनाव आयोग को परमीशन के लिए भेजा गया है। सीएमओ के अनुसार प्रस्ताव को भेजे हुए आठ दिन गुजर गए, अभी तो पीआईसी की परमीशन पर 22 वार्डों में एक-एक टैंकर चला रहे हैं।
विवादों में टैंकर से जल वितरण
शहर के 39 वार्डों में पेयजल वितरण के लिए छोटे टैंकर अनुबंधित किए जाते हैं। लगभग सभी वार्डों में 2 व कुछ में 3 टैंकर तक अनुबंध कर लगाए जाते हैं। प्रत्येक टैंकर को हर दिन 6 चक्कर लगाने होते हैं, लेकिन शहर में पानी की मांग अधिक होने से यह टैंकर महज 2 या 3 चक्कर लगाकर शेष चक्कर का पानी बेच देते थे। इस तरह की शिकायतें जब जनप्रतिनिधियों तक पहुंची तो उन्होंने प्रशासन से जांच करवाई। जिसमें यह सामने आया कि 14 वार्डों में तो टैंकरों से पानी मिला है, लेकिन शेष 25 वार्डों में पानी वितरण के नाम पर धांधली की गई, इसलिए उनका भुगतान रोका जाए। हर साल नपा की टैंकर वितरण प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं।
यह बोले नपा के जल वितरण प्रभारी
शहर में मौजूद सभी 624 नपा के ट्यूबवैलों में पानी कम हो गया, जिसके चलते उन बोर से जुड़े हजारों परिवारों में पेयजल संकट गंभीर होने लगा है। हम यह प्रयास करेंगे कि सिंध का पानी शहर के लोगों को मिल सके, इसके लिए हम सतत प्रयास कर रहे हैं। मेरे चार्ज लेने से पहले ही आचार संहिता लग गई थी, टेंडर प्रक्रिया उसी में उलझ गई।
एसके मिश्रा, पेयजल वितरण प्रभारी नपा
यह बोले नपा सीएमओ
टैंकर चलाने की टेंडर प्रक्रिया आचार संहिता के फेर में पूरी नहीं हो पाई है। हमने 8 दिन पूर्व चुनाव आयोग को स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा है, लेकिन अभी तक परमीशन नहीं आई है। पीआईसी से एक माह की परमीशन पर हमने शहर के कुछ वार्डों में एक-एक टैंकर शुरू कर दिया है।
केके पटेरिया, सीएमओ नपा शिवपुरी
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