उधार लेकर अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाले भी कोरोना मुक्त अभियान के बने साक्षी
उधार ले-लेकर अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण करने में लगे हुए हैं, बाबजूद इसके जान हथेली पर रख कर कोरोना की कमान संभाले हुए हैं।

शिवपुरी। जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में पदस्थ स्वास्थ्यकर्मियों को पिछले एक साल से वेतन नहीं मिला है। उधार ले-लेकर अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण करने में लगे हुए हैं, बाबजूद इसके जान हथेली पर रख कर कोरोना की कमान संभाले हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में वर्ष 2013 में 9 कर्मचारियों की भर्ती की गई थी, जिनमें से वर्तमान में छह कर्मचारी यहां कार्यरत हैं। जब इस ट्रॉमा सेंटर को स्टार्ट किया गया था, तो केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपए का बजट दिया था।
निर्धारित शर्तों के अनुसार दो साल बाद ट्रॉमा सेंटर का संचालन राज्य सरकार को करना था और इन कर्मचारियों का संविलियन कर वेतन भी राज्य शासन को ही देना था। 2015 से ट्रॉमा का संचालन तो राज्य सरकार करने लगी, लेकिन 2017 तक इन कर्मचारियों को केंद्र के बजट से ही वेतन दिया गया। मार्च 2017 में जैसे ही बजट खत्म हुआ तो सीएमएचओ ने इन्हें हटाने का आदेश जारी कर दिया और मामला कोर्ट में चला गया। तभी से यह कर्मचारी बिना किसी वेतन के कभी घर से पैसा मंगा कर, तो कभी उधार लेकर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।
इसके बाबजूद इन कर्मचारियों को कोरोना की कमान संभालने का आदेश दिया गया, तो इन्होंने अपनी और अपने परिवार की चिंता किए बिना अपनी जान हथेली पर रख कर कोरोना की कमान संभाल ली। कोरोना संक्रमण में सबसे खतरनाक काम सेम्पल कलेक्ट करने का है, क्योंकि अगर बीमार व्यक्ति ने छींक या खांस दिया तो सेम्पल कलेक्ट करने वाला व्यक्ति ही सबसे पहले चपेट में आएगा। इस काम को कृष्णा गुप्ता शुरू से लेकर अब तक बिना किसी ब्रेक, बिना क्वारंटाइन हुए अंजाम दे रहे हैं, क्योंकि सेम्पल लेने के लिए कोई दूसरा कर्मचारी यहां तैनात ही नहीं किया गया है।
इसी प्रकार ओटी टेक्निशियन मनोज गहलोद को कॉल सेंटर में पदस्थ किया गया है, जो अब तक सैंकड़ों लोगों की समस्या का समाधान कर चुके हैं। वहीं, एक्स-रे टेक्निशियन सूरज प्रजापति व सुनील सविता संदिग्ध मरीजों के फेंफडों का एक्स-रे कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को भी अब तक एक भी अवकाश नहीं दिया गया है। कर्मचारियों का कहना है कि इस ड्यूटी पर तैनात होने के कारण अब वह अपने परिवार के साथ भी समय नहीं बिता पा रहे हैं।
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