जिले के करीब 67 किलोमीटर की सीमा नेपाल से सटी हुई है। नो मेंस लैंड पर बाड़ न होने के कारण सीमा क्षेत्र में बसे गांव के लोग सीमा पार आ जा रहे हैं। वहीं रोटी व बेटी का संबंध होने के कारण इनके आने जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। मल्हीपुर व सिरसिया थाना क्षेत्र के सागर गांव, जमुनहा, ककरदरी, श्रीनगर, ताल बघौड़ा, भचकाही, भौआ नाका, सोंपथरी बीओपी पर तैनात एसएसबी जवानों द्वारा सीमा पार आने जाने वालों की सघन तलाशी की जाती है। ऐसे में तस्करों द्वारा सीमा पार से नेपाली शराब, चरस, अष्टधातु की मूर्तियां आदि को भारतीय क्षेत्र में लाने और ले जाने के लिए अपारंपरिक रास्तों का सहारा लिया जा रहा है। तस्कर सोहेलवा व ककरदरी जंगल सहित सीमा क्षेत्र के गांव से होकर तस्करी का सामान गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं। उनके इस कार्य में सीमा क्षेत्र पर बसे गांव के कुछ ग्रामीण कैरियर के काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं, जिले से भी यूरिया, डीएपी, सीमेंट, सरिया, डीजल आदि की तस्करी कर नेपाल ले जाया जा रहा है।
कई तस्कर हो रहे गिरफ्तार- दोनों देशों की सीमा खुली होने के कारण अपराधी भी घटनाओं को अंजाम देकर सीमा पार जा रहे हैं। इसका समय-समय पर स्थानीय पुलिस सहित सशस्त्र सीमा बल व एनसीबी की टीम द्वारा खुलासा भी किया गया है। अभी बीते एक दिन पूर्व जहां एसएसबी और पुलिस द्वारा भारी मात्रा में नेपाली शराब की खेप बरामद की गई। वहीं विगत माह लखनऊ से आई एनसीबी टीम ने एसएसबी के साथ मिलकर चरस की एक बड़ी खेप के साथ चार नेपाली तस्करों को गिरफ्तार किया था। औसतन देखा जाए तो प्रतिवर्ष हजारों लीटर नेपाली शराब व कई किलोग्राम चरस सीमा क्षेत्र से बरामद की जाती रही है। यही नही एसएसबी द्वारा कई बार सीमा पर चाइनीज मटर, मावा आदि बरामद किया जा चुका है। वहीं दो वर्ष पूर्व पुलिस व एसएसबी ने अष्टधातु की मूर्तियों के साथ तस्करों को गिरफ्तार किया था। इतना ही नही कई बार एसएसबी व पुलिस पशुओं सहित तस्करों को गिरफ्तार कर चुकी है। ये सभी तस्कर अपारंपरिक रास्तों पर ही पकड़े गए हैं।
यह सभी खुलासे पुलिस व एसएसबी की संयुक्त गस्त के दौरान हुए। जिसे देखते हुए सीमा क्षेत्र में कॉम्बिंग बढ़ा दी गई है। वहीं एसएसबी द्वारा लगातार टुकड़ियों में खुली सीमाओं व अपारंपरिक रास्तों की निगरानी की जा रही है।