जिले में बेसिक शिक्षा विभाग का हाल बदहाल है। यहां उच्च अधिकारियों द्वारा जारी आदेश व निर्देश का मातहतों द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है। आदेश की अवहेलना करने वालों में सिर्फ मातहत ही नहीं अधिकारी भी पीछे नहीं हैं। इसका प्रमाण शिक्षा निदेशक बेसिक विक्रम बहादुर सिंह द्वारा 14 मार्च 2019 को जारी आदेश में देखा जा सकता है। जिसमें शिक्षा निदेशक द्वारा एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का संविलियन कर वहां कक्षा एक से आठ तक एक ही विद्यालय संचालित कराने का निर्देश दिया गया था।
इसके साथ ही 25 मार्च को बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश प्रयागराज द्वारा जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को पत्र भेज कर शिक्षा निदेशक के आदेश का अनुपालन कराने को कहा गया था। इस पर 17 जून को बीएसए ओमकार राणा द्वारा सभी खंड शिक्षाधिकारियों को संविलियन कराने का निर्देश दिया गया था। देखा जाए तो गिलौला में 53, इकौना में 56, हरिहरपुररानी में 45, सिरसिया में 74 व जमुनहा के 65 विद्यालयों सहित जिले के कुल 293 विद्यालयों का संविलियन किया जाना था। जिसका अब तक अनुपालन नहीं हुआ। और न ही यहां उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधान शिक्षक अथवा प्रभारी का प्राथमिक विद्यालयों के प्रधान शिक्षक अथवा प्रभारी द्वारा प्रभार ही सौंपा गया है। जबकि इसका अनुपालन जुलाई माह में ही होना था।
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ओमकार राणा बताते हैं कि पांडेपुरवा, सिसवा सहित कई विद्यालयों में आदेश का अनुपालन किया जा चुका है। कुछ विद्यालयों में बीईओ की लापरवाही के कारण अभी ऐसा नहीं हो सका है। जल्द ही शत प्रतिशत आदेश का अनुपालन करा दिया जाएगा।
अगर होता संविलियन तो सुधरती बदहाल शिक्षा व्यवस्था
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलियन के बाद शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार हो सकता है। जानकारों का मानना है कि एक ही परिसर में संचालित इन दोनों विद्यालयों के प्रभारी शिक्षकों को अक्सर मीटिंग, एमडीएम सहित अन्य विभागीय कार्य के लिए विद्यालय छोड़ कर जाना पड़ता है। यदि दोनों विद्यालय के एक ही प्रभारी होते तो एक प्रभारी को इन कार्यों से मुक्ति मिल जाती। ऐसे में वह विद्यालय में रह कर शिक्षण कार्य करते। इसके साथ ही एक ही कार्य के लिए दो दो शिक्षकों को न लगना पड़ता।
यहां टीमें अक्सर करती हैं जांच
बीएसए द्वारा जिन विद्यालयों में संविलियन की बात कही गई है। उसमें शामिल ज्यादातर विद्यालय या तो नगर से सटे हैं या फिर मुख्य मार्ग के किनारे हैं। जहां जनप्रतिनिधियों से लेकर राजनेताओं, अधिकारियों सहित केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा भेजी जाने वाली टीम अक्सर जांच करने आती है। इनमें से जहां फोरलेन किनारे स्थित हरिहरपुररानी विकास क्षेत्र के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय पांडेपुरवा का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा निरीक्षण किया गया था, वहीं प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय सिसवा का बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री रहीं अनुपमा जायसवाल द्वारा निरीक्षण किया गया था। यही हाल अन्य विद्यालयों का भी रहा। जहां केंद्रीय अथवा प्रादेशिक टीम अथवा जिले के नोडल अधिकारी आदि द्वारा निरीक्षण किया गया।