बैठक में अपना दल युवा शाखा के प्रदेश अध्यक्ष ने जिले के अधिकारियों के आचरण और कार्यशैली पर नाराजगी जताई तथा कई थानेदारों की शिकायत की। इस बैठक को विधायक अमर सिंह के समक्ष प्रशासन का नतमस्तक होने की दृष्टि से भी देखा जा रहा है।
मंगलवार को यह बैठक मंगलवार को जिला कलेक्ट्रर के सभागार में हुई, जहां अपना दल एस के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और उनके पदाधिकारी मौजूद थे। कांग्रेस के पूर्व विधायक ईश्वरचंद शुक्ल ने इस बैठक पर सवाल खड़ा किया है कि यह न केवल परंपरा के विपरीत है बल्कि प्रोटोकाल को भी तार तार किया गया। उन्होंने कहा कि किस अधिकार से सत्तारूढ़ दल के सहयोगी दल के संगठन के पदाधिकारी ने अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि वे इस मामले को मुख्य सचिव के संज्ञान में लाएंगे।
वहीं सांसद जगदंबिका पाल का कहना है कि अपना दल हमारा सहयोगी दल है। उसके प्रदेश अध्यक्ष ने अपने पदाधिकारियों का परिचय कराने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसके इतर चर्चा है कि अपना दल विधायक अमर सिंह की नाराजगी दूर करने के लिए अधिकारियों ने इस बैठक को तवज्जो दिया, हालांकि बैठक में स्वयं अमर सिंह मौजूद नहीं थे।
बता दें कि अपना दल विधायक अमर सिंह जिले के भाजपा नेताओं के अलावा योगी और मोदी सरकार के प्रति मुखर हैं। पिछले दिनों नगर विकास मंत्री के अागमन पर उन्होंने न केवल उनकी बैठक का बहिष्कार किया था, भाजपा पर जमकर अपनी भड़ास भी निकाली थी। लोकसभा चुनाव नजदीक है। भाजपा अपने सहयोगी दलों को किसी कीमत पर नाराज नहीं होने देने चाहती। अधिकारियों के साथ अपना दल की इस बैठक का मकसद विधायक अमर सिंह की नाराजगी पर मरहम लगाना भी हो सकता है।
अपना दल के साथ जिले के आला अफसरों की बैठक को राजनीतिक गलियारों में हैरानी इस बात की है कि एक ओर तो कैबिनेट मंत्री और भाजपा के सहयोगी दल भासपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की शिकायत रहती है कि उनके जिले में ही अधिकारी उनकी नहीं सुनते, दूसरे उनके ही समानांतर एक सहयोगी दल के प्रदेश पदाधिकारी के साथ बैठक कर जिले का पूरा अमला उनकी बात सुनने को मजबूर होता है। साफ है कि जिला प्रशासन भाजपा के सहयोगी दल के विधायक के समक्ष नतमस्तक हो गया।
BY- YASHODA SRIVASTAVA