मामला सिद्धार्थनगर से जुड़ा है। इस जिले के अगया गांव का रहने वाला वीरेंद्र गुप्ता मुंबई में रोजगार करता है। वह वहां सब्जी बेचने का काम करता है। अभी इसी साल के मार्च में उसकी शादी सिद्धार्थनगर की ही गुड़िया के संग हुई थी।
गुड़िया के परिवारीजन बताते हैं कि वीरेंद्र शुरु में तो ठीक था लेकिन बाद में वह दहेज में गाड़ी की मांग करने लगा। इसको लेकर वह, उसकी भाभी नई बहू को प्रताड़ित करने लगे।
पीहरवालों के मुताबिक वीरेंद्र कुछ दिन पहले ही पत्नी गुड़िया, भाभी रीना व पिता सुखराम को लेकर मुंबई गया था। वहां वह और उसकी भाभी मिलकर गुड़िया को बुरी तरह से प्रताड़ित करते थे। जब पिता प्रतिरोध करते थे तो उनको भी भलाबुरा कहता था।
दो दिन पहले वह गुड़िया को उसके मायके पहुंचाने एलटीटी एक्सप्रेस से आ रहा था। पुलिस के अनुसार उसने ट्रेन में ही अपनी पत्नी का गलाघोंट दिया। इसके बाद उसके सोने का बहाना बनाकर बर्थ पर ही लेटा छोड़ दिया। सैकड़ों किलोमीटर तक वह पत्नी की लाश के साथ सफर करता था। सामान्य स्थिति दर्शाने के लिए उसने वहीं बैठकर नाश्ता किया। पुलिस के अनुसार जब कानपुर सेंट्रल स्टेशन आया तो कुछ यात्री ट्रेन में चढ़े। यात्रियों ने वीरेंद्र से उसकी पत्नी को जगाने को कहा। वीरेंद्र पत्नी को जगाने लगा तो वह मृत पड़ी थी। बोगी में शोर मचने लगा। वह उसे आकस्मिक निधन की बात कहकर रो-चिल्ला रहा था। जीआरपी पुलिस भी पहुंच गई। शव को कब्जे में ले लिया। शव के गर्दन पर निशान देखकर पुलिस को शक हुआ। वीरेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पुलिस ने बताया कि वीरेंद्र ने ही अपनी पत्नी का गला घोंट दिया और उसे आकस्मिक मौत करार देने के लिए सामान्य रूप से वहीं मौजूद रहा।
गुड़िया के परिवारीजन बताते हैं कि वीरेंद्र शुरु में तो ठीक था लेकिन बाद में वह दहेज में गाड़ी की मांग करने लगा। इसको लेकर वह, उसकी भाभी नई बहू को प्रताड़ित करने लगे।
पीहरवालों के मुताबिक वीरेंद्र कुछ दिन पहले ही पत्नी गुड़िया, भाभी रीना व पिता सुखराम को लेकर मुंबई गया था। वहां वह और उसकी भाभी मिलकर गुड़िया को बुरी तरह से प्रताड़ित करते थे। जब पिता प्रतिरोध करते थे तो उनको भी भलाबुरा कहता था।
दो दिन पहले वह गुड़िया को उसके मायके पहुंचाने एलटीटी एक्सप्रेस से आ रहा था। पुलिस के अनुसार उसने ट्रेन में ही अपनी पत्नी का गलाघोंट दिया। इसके बाद उसके सोने का बहाना बनाकर बर्थ पर ही लेटा छोड़ दिया। सैकड़ों किलोमीटर तक वह पत्नी की लाश के साथ सफर करता था। सामान्य स्थिति दर्शाने के लिए उसने वहीं बैठकर नाश्ता किया। पुलिस के अनुसार जब कानपुर सेंट्रल स्टेशन आया तो कुछ यात्री ट्रेन में चढ़े। यात्रियों ने वीरेंद्र से उसकी पत्नी को जगाने को कहा। वीरेंद्र पत्नी को जगाने लगा तो वह मृत पड़ी थी। बोगी में शोर मचने लगा। वह उसे आकस्मिक निधन की बात कहकर रो-चिल्ला रहा था। जीआरपी पुलिस भी पहुंच गई। शव को कब्जे में ले लिया। शव के गर्दन पर निशान देखकर पुलिस को शक हुआ। वीरेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पुलिस ने बताया कि वीरेंद्र ने ही अपनी पत्नी का गला घोंट दिया और उसे आकस्मिक मौत करार देने के लिए सामान्य रूप से वहीं मौजूद रहा।