कुछ भवन को इस कदर जर्जर है कि वहां पर डॉक्टर व कर्मचारी ड्यूटी ही नहीं बजाते हैं। जिसके चलते पशुपालकों के पशुओं को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाती है। इससे पशुपालकों को काफी परेशान होना पड़ता है। इंसान के साथ साथ पशुओं की सेहत को लेकर गम्भीर प्रदेश सरकार अब उनके लिए बने अस्पतालों को दुरूस्त बनाने जा रही है। सभी अस्पतालों पर जरूरत के आधार पर धन खर्च किया जाएगा। जहां पर जैसी जरूरत होगी उसी के आधार पर धन मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए पशुपालन विभाग को जिले के सभी चिकित्सालयों के स्थिति की जानकारी निर्धारित फार्मेट पर देना होगा। जिससे कि प्रत्येक अस्पताल के बारे में सरकार सीधे जानकारी जुटा सके और उसी आधार पर मरम्मत आदि के लिए धन मुहैया कराया जा सके।
इस सम्बंध में पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव ने सभी मण्डालायुक्त व पशुुपालन विभाग के निदेशक प्रशासन एवं विकास को पत्र लिखकर जर्जर पशु चिकित्सालयों की जानकारी मांगी है जिससे कि उनका सुदृणीकरण कराया जा सके। जिससे कि गायों के देशी नस्लों को सरंक्षित करने व गोवंशीय पशुओं की रक्षा के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों को प्रभावी बनाया जा सके। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.फणीस सिंह ने बताया कि पत्र के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
INPUT BY- SURAJ CHAUHAN