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दस्तक अभियान के तहत स्कूलों में एक घंटे होगी जेई की पढ़ाई

locationसिद्धार्थनगरPublished: Mar 12, 2018 10:58:50 am

Submitted by:

sarveshwari Mishra

पूर्वांचल के सभी जिलों में एक अप्रैल से शुरु होगी योजना
 

japanese encephalitis

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सिद्धार्थनगर. मासूमों को जापानी बुखार से लड़ने के लिए के पूर्वांचल के मासूमों को तैयार किया जाएगा। इसके लिए स्कूलों में इंसेफेलाइटिस से बचाव के लिए क्लास चलेगी। जिसमे बच्चों को बीमारी से बचाव की जानकारी देने के साथ ही बीमारी के लक्षणों के बारे में भी बताया जाएगा। जिससे कि बच्चों को सजग बनाकर बीमारी पर लगाम लगाई जा सके। इसके अलावा, आंगनबाड़ी केंद्रों, किशोरियों के साथ होने वाली बैठक, पंचायत की बैठक, पशुपालकों को भी इंसेफेलाइटिस से बचाव के लिए संबंधित विभाग के जिम्मेदार जानकारी देंगे। बीमारी को मात देने के लिए सरकार ने विशेष टीकाकरण की भी यौजना तैयार की है। जिससे कि बारिश के शुरू होने के साथ ही अपना पांव पसारने वाली बीमारी पर लगाम लगाई जा सके। जापानी बुखार को लेकर शासन गंभीर है। इसके लिए प्रमुख सचिव द्वारा संबंधित विभाग की जिम्मेदारी तय करते हुए निर्देश जारी किया गया है। इससे बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण हो सके। बच्चे बीमारी के प्रति खुद सजग हो सके इसके लिए परिषदीय विद्यालयों में इंसेफेलाइटिस से बचाव की क्लास चलेगी। इसमें बच्चों को बीमारी से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही लंबे समय तक बुखार रहने, झटका आने आदि लक्षणों के बारे में भी बताया जाएगा। उन्हें बीमारी की गंभीरता से अवगत कराते हुए यह बताया जाएगा कि अगर बीमारी के लक्षण दिखे को क्या कदम उठाए जाने चाहिए। इसके लिए सभी की जिम्मेदारी तय की जा रही है। इसके लिए जिले में एक अप्रेल से दस्तक अभियान की शुरूआत की जाएगी। इस दौरान लोगों को जागरूक करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा जेई से बचाव के लिए लगने वाले वैक्सीन से वंचित बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। जिससे कि वह बीमारी की चपेट में न आने पाए। इसके लिए विशेष अभियान की शुरुआत एक अप्रैल से जिले में की जाएगी।
अभियान के लिए प्रशिक्षित हो रहे जिम्मेदार दस्तक अभियान की सफलता के लिए जिम्मेदारों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिससे कि अभियान के दौरान छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण करने के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को बीमारी से बचाव की जानकारी दी जा सके। ब्लॉक स्तर पर बीसीपीएम को अभियान के सफलता की जिम्मेदारी दी गई है। जिन्हें सोमवार को बस्ती में प्रशिक्षित भी किया जाएगा। इसके अलावा जिले के सभी आशा, एएनएम व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिससे कि बीमारी पर लगाम लगाई जा सके। मुख्यमंत्री स्वयं करेंगे अभियान की निगरानी लंबे समय से पूर्वांचल को अपने कहर का शिकार बनाने वाले इंसेफेलाइटिस को लेकर मुख्यमंत्री गंभीर है। अभियान को सफल बनाने तथा छूटे हुए 15 वर्ष तक के सभी बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए चलाए जाने वाले दस्त अभियान की निगरानी स्वयं मुख्यमंत्री करेंगे। इस संबंध में सभी संबंधित विभागाध्यक्षों को दिशा निर्देश भी जारी हो चुका है। जिसको लेकर कार्ययोजना तैयार किया जा रहा है। जिले स्तर पर अभियान के मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी यूनीसेफ को दी गई है। जिसके आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी। बच्चों को दी जाएगी खेल सामग्री इंसेफेलाइटिस के प्रति बच्चों को जागरूक करने व इसकी भयावहता की जानकारी देने के लिए स्कूली बच्चों को खेल सामग्री भी मुहैया कराई जाएगी। सांप सीढी के लूडों के माध्यम से बच्चों को बीमारी से बचाव उपायों के साथ ही उसे लक्षण आदि के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। जिससे कि बच्चे बीमारी की भयावहता को समझ सके। इसके लिए सभी विद्यालयों में खेल सामग्री पहुंचाई जाएगी।एक अप्रैल से शुरू होने वाले दस्त अभियान को सफल बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिसके आधार पर 15 दिनों का विशेष अभियान चलेगा। इसके लिए जिम्मेदारों को दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है। अभियान में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाहों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। डॉ.विजय कुमार जिला प्रतिरक्षण अधिकारी

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