मजूदरों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण काम बंद हुआ तो भट्ठा मालिक ने पैसे नहीं दिये। जो जमापूंजी थी, वह भी खत्म हो गई। भुखमरी की नौबत देखकर सभी ने भारत लौटने का निर्णय लिया। गुरुवार देर शाम 86 मजदूर अलीगढ़वा बॉर्डर पर पहुंचे। इनमें बड़ी संख्या में पुरुष, महिला, बच्चे भी शामिल हैं। नाके पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें भारत में प्रवेश नहीं करने दिया। वापस लौटे तो उन्हें नेेपाल के जवानों ने एंट्री नहीं दी। ऐसे में यह सभी मजदूर नो मैंस लैंड में फंसकर रह गये हैं। इनमें से अधिकतर मजदूर पीलीभीत जिले के बीसलपुर के रहने वाले हैं।
सिद्धार्थनगर सदर एसडीएम उमेशचंद्र निगम ने बताया कि मजदूरों को उनके घर पहुंचाने की प्रक्रिया चल रही है। इस संबंध में बीएसएफ के अधिकारियों से बातचीत हो रही है, जल्द ही सबको उनके घर पहुंचा दिया जाएगा।
भारत-नेपाल के बीच क्या है विवाद
ओली सरकार ने संसद में संविधान में संशोधन का बिल पेश किया है। इस बिल के जरिए देश के राजनीतिक नक्शे और राष्ट्रीय प्रतीक को बदला जा रहा है। नेपाल ने नए नक्शे में भारत के तीन इलाकों को अपनी सीमा के भीतर दिखलाया है। भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
ओली सरकार ने संसद में संविधान में संशोधन का बिल पेश किया है। इस बिल के जरिए देश के राजनीतिक नक्शे और राष्ट्रीय प्रतीक को बदला जा रहा है। नेपाल ने नए नक्शे में भारत के तीन इलाकों को अपनी सीमा के भीतर दिखलाया है। भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।