scriptउच्च शिक्षा के लिए दूसरे जिलों व महानगरों में भटकने को मजबूर हैं छात्र-छात्रायें | need a great help for change the luck of Siddhartha University | Patrika News

उच्च शिक्षा के लिए दूसरे जिलों व महानगरों में भटकने को मजबूर हैं छात्र-छात्रायें

locationसिद्धार्थनगरPublished: Jan 13, 2018 05:36:33 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

भारत नेपाल सीमा के सिद्धार्थनगर में स्थित है सिद्धार्थ विश्वविद्यालय

siddharth university

उच्च शिक्षा के लिए दूसरे जिलों व महानगरों में भटकने को मजबूर हैं छात्र-छात्रायें

सूरज चौहान की रिपोर्ट…

सिद्धार्थनगर. भारत नेपाल सीमा से सटे भगवान गौतम बुद्व की क्रीडा स्थली पर बने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय को संजीवनी की दरकार है। अपने स्थापना काल से ही विवि द्वारा विभिन्न संसाधनों के अभाव में संचालित हो रहा है। अभी तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने के कारण यहां पर सिर्फ एक ही विषय की पढाई हो पा रही है। संसाधनों के अभाव में यहां पर छात्र की नहीं शिक्षक भी नहीं आना चाह रहे है। जिसके चलते यहां पर शिक्षा व्यवस्था रफ्तार नहीं पकड पा रही है।
भारत नेपाल सीमा पर स्थित यह विश्वविद्यालय सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय से 21किमी की दूरी पर है। आवागमन के भी संसाधन नहीं होने से छात्रों को काफी परेशानी होती है। अवागमन के साधन के नाम पर सीमा पर बसा कस्का अलीगढवा तक के लिए सिर्फ एक ही बस चलती है। जो सुबह में जाती है फिर वापस आती है और शाम में एक बार आती है और जाती है।
भारत नेपाल सीमा पर स्थित होने से यहां पर सुरक्षा का भी खतरा है। अखिलेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट रहे विश्वविद्यालय को मिलने वाले धन पर योगी सरकार ने रोक लगा दी थी, तथा अब तक हुए खर्च का ब्योरा तलब किया है। जिसके चलते अभी तक विवि के भवनों का निर्माण भी अधर में लटका हुआ है।
विवि का प्रशासनिक भवन, कुलपति रेस्ट हाउस, छात्रावास का ही निर्माण कार्य पूरा हेा सका है। अन्य भवनों का निर्माण अधर होने के कारण यहां पर कक्षाओं का संचालन मुश्किल था। फिर भी तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ही कार्यकाल में विवि की शुरूआत कराते हुए उधार के अध्यापकों से यहां पर बीकाॅम की कक्षाए चलाई।
बाद में बीकाॅम के तीन शिक्षकों की नियुक्ति के बाद यहां पर नियमित रूप से बीकाॅम की कक्षाएं संचालित हो रही हैं। अन्य विषयों की पढाई यहां पर अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए तीन तीन बार आवेदन मंागे गए लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं हो सकी है।
बताया जाता है नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं आने के कारण नियुुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। ऐसे में जिले के लेागों में विवि की जगी उम्मीद परवान नहीं चढ़ पा रही है। जिससे आज भी जिले के छात्र छात्राएं उच्च शिक्षा के लिए दूसरे जिलों व महानगरों में भटकने के लिए मजबूर है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो