जिले क खुफिया एजेन्सियों ने उसकी फाइल भी तैयार की थी। लेकिन 13 वर्ष का लम्बा समय बीत जाने के बाद अब फरहान की फाइल भी नहीं मिल पा रही है। जिससे फहरान के परिवार के बारे में कुछ पता नहीं चल पा रहा है। जबकि सूचना के बाद से ही जिले की पुलिस व खुफिया एजेन्सिया उसका पता तलाश रही है। पुलिस यह भी पता करने में जुटी है कि, उसका पुस्तैनी मकान कहां है। उसके माता पिता इस वक्त कहां है। पुलिस के जानकारों की माने तो फरहान 2003 में गिरफतारी के दौरान अपना शोहरतगढ़ का पता बताया था।
जिसमें पिता के नाम के स्थान पर मुस्ताक लिखा गया है। पुलिस इसी आधार पर फरहान को तलाश नहीं है, लेकिन अभी तक फरहान का पता तो दूर उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। गोधरा कांड में भी फरहान का नाम आया था तब ही यहां की खुफिया विभाग ने फरहान की फाइल तैयार की थी। पुलिस छोटे के कस्बे में फरहान का पता लगा पाने में नाकाम साबित हो रही है। इससे पहले भी कई जगहों पर आतंकी के पकड़े जाने पर सिद्धार्थनगर का नाम सामने आ चुका है। जिले के डुमरियागंज के ही डाॅ मुबीन को मुम्बई के बम कांड में पकड़ा जा चुका है। भारत नेपाल सीमा से सटा यह जिला आतंकियों के लिए काफी मुफीद हे। भारत नेपाल की सीमा के खुला होने के कारण कई बार जिला आतंकी गतिविधियों के लिए चर्चा में रहा है। भारत नेपाल की खुली सीमा के रास्ते भारत में प्रवेश करना काफी आसान है।
input- सूरज सिंह