मतदान के दौरान दुकानों के बंद होने से भी सभी को परेशानी उठानी पड़ी। लेकिन यहां पर उनका दर्द सुनने वाला कोई नहीं था। नगर निकाय चुनाव के लिए बुधवार को हुए मतदान के दौरान बूथों पर एक दर्जन से अधिक की संख्या में पुलिस के जवानों को जगह जगह बूथों पर लगाया गया था। दूसरे जिलों के साथ ही अपने ही जनपद के बूथों की सुरक्षा में लगाए गए पुलिस कर्मचारियों को रात में भी खाना नहीं मिल सका। इतना ही नहीं बूथों पर सोने का इंतजाम भी नहीं किया गया था। ऐसे में खाली पेट जवानों को अपनी रात आंखों ही आंखों में काटनी पड़ी।
एसपी द्वारा अनुशासन का जो पाठ सभी को पढ़ाया गया था, उसके पालन में जवान प्रत्याशी अथवा मुहल्ले में किसी के यहां अपने पेट की आग भी नहीं बुझा सकते। जवानों ने रात को जैसे तैसे इस उम्मीद में काट दी कि सुबह तो कुछ न कुछ मिलेगा ही खाने को। आसपास की दुकाने बंद रहीं। ऐसे में साढे़ बजे मतदान भी शुरू हो गया लेकिन पुलिस कर्मियों को खाने को कुछ भी नहीं मिला। नास्ता, चाय आदि के इंतजार में दोपहर का समय बीत गया। फिर भी कर्मचारियों व पुलिस के जवानों को खाने को कुछ नहीं मिला। शहर के एक हिस्से से लगायत दूसरे हिस्से के अन्तिम छोर पर बने पोलिंग बूथ पर एक सा ही हाल रहा। जबकि शहर के पहले छोर पर बने बूथों पर तैनात जवानों को दोपहर में खाने का पैकेट मुहैया करा दिया गया था। लेकिन अन्य जगहों पर तैनात जवानों को खाने का पैकेट नहीं मिल पाया था। जिससे जवानों को काफी परेशान उठानी पड़ी।
BY- Suraj Singh