कौशांबी. लगातार घाटे में चल रहे परिवहन विभाग ने डग्गामार वाहनों पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बस स्टेशन के नजदीक व दूसरे स्थानों से कम किराये पर सवारियां बैठा फर्राटा भरने वाली निजी बसों व मैजिक (सवारी गाड़ी) की धर-पकड़ की जा रही है। निजी वाहनों को पकड़ उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए।
पुलिस को सौपा जा रहा है। दस दिन से चल रहे अभियान मे परिवहन विभाग ने उप सम्भागीय कार्यालय के अधिकारियों के साथ मिलकर दो दर्जन वाहनों के खिलाफ कार्यवाही को अंजाम दिया है। बस अड्डों के बाहर से मिलने वाले डग्गामार वाहन अभियान के चलते सड़कों से गायब हो गए हैं। इसका असर सवारियों पर पड़ा है।
रोडवेज़ की बसों मे सवारियों के बैठने की जगह नहीं है, बसों मे चढ़ने के लिए बस अड्डे पर आपाधापी मची रहती है। परिवहन विभाग की रोडवेज़ बसे पिछले कई सालों से घाटे मे चल रही है। असका सीधा कारण बीएस अड्डों के बाहर से संचालित डग्गामार वाहनों को समझा गया। विभागीय अधिकारियों ने रोडवेज़ विभाग को घाटे से उबरने व आय बढ़ाने के लिए निजी वाहनों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया।
एक फरवरी से 14 फरवारी तक सघन अभियान चलाए जाने का आदेश विभागीय अधिकारियों ने जारी किया। हर रोज रोडवेज़ के डीआरएम व उप सम्भागीय विभाग के अधिकारी सयुक्त रूप से अभियान को सफल बनाने मे जुट गए हैं। दस दिन से अभियान मे जुटे अधिकारियों ने दो दर्जन डग्गामार वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुये जिले के अलग अलग थानों मे बंद करा दिया है।
उप सम्भागीय विभाग के पीटीओ विक्रांत सिंह की माने तो अभियान 14 फरवरी तक चलेगा इस दौरान दगगमर वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। अभियान का असर बीएस अड्डे पर दिखाई भी देने लगा है। परिवहन विभाग की बसों में सवारियों की संख्या इतनी अधिक बढ़ गई है कि ज्यादातर बसों में सवारियां खड़े-खड़े सफर करने को मजबूर है। डग्गामार वाहनों के बंद होने से सवारियों को भले ही दिक्कतों का सामना करना पद रहा है लेकिन खचाखच सवारियों से भरी रोडवेज़ बसों के आय में इजाफा भी हो गया है।