आशा सम्मेलन के दौरान जिले की 42 आशा व तीन बेहतर कार्य करने वाली संगिनीयों को जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू ने पुरस्कृत व सम्मानित किया। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं के सम्बंध में उनकी गम्भीर जिम्मेदारियों के बारे में भी जानकारी दी।
प्रत्येक ब्लॉक से तीन आशाओं को पांच, तीन व एक हजार रूपए का पुरस्कार दिया गया। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में आशाओं की भूमिका के बारे में बताया कि जच्चा बच्चा की सुरक्षा के लिए कार्य करने वाली आशाएं अब स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण कड़ी बन चुकीं हैं। उन्होंने सभी को बेहतर तरीके से कार्य करने पर जोर देते हुए कहा कि सभी को अपनी जिम्मेदारियों को गम्भीरता से समझकर काम करना होगा। जिससे कि सही समय पर गर्भवती महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के लिए उनके अभिभावकों को जानकारी दी जा सके। इसके लिए सभी को और भी प्रयास करने की जरूरत है।
डीएम ने बेहतर कार्य करने वाली आशा संगिनी खेसरहा की शांति देवी को प्रथम, जोगिया की दीक्षा शुक्ला को द्वितीय व मिठवल की विद्यावती को तीसरा पुरस्कार दिया जिसके तहत पांच, दो व एक हजार रूपए की नकद पुरस्कार राशि का संकेतिक चेक प्रदान किया। साथ ही सभी को प्रशस्ति पत्र व बैग देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा प्रत्येक ब्लॉक से तीन आशाओं को बेहतर कार्य करने के लि पुरस्कृत किया गया।
बेहतर कार्य करने के लिए कपिलवस्तु महोत्सव के रंगीन मंच पर डीएम के हाथों पुरस्कार पाकर आशाओं के चेहरे खिल उठे। सभी ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.वेद प्रकाश शर्मा, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.विजय कुमार, डीपीएम राजेश शर्मा, डीसीपीएम मान बहादुर, डॉ.एमडब्लू खान, डॉ.प्रशांत अस्थाना, डॉ.वीके वैद्य आदि मौजूद रहे।
इसके अलावा आशाओं को नियमित टीकाकरण, सघन मिशन इन्द्रधनुष, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लिीनिक, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीबी नियंत्रण आदि पर आधारित फिल्म दिखाकर बीमारियों से बचाव के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उनका लाभ लेने के उपायों व स्थानों के बारे में भी जानकारी दी गई। आशा फिल्म के माध्यम से आशाओं को उनकी जिम्मेदारी व गम्भीर विषयों पर जानकारी के बारे में भी बताया गया।