scriptकपिलवस्तु महोत्सव में निजामी ब्रदर्स के कव्वाली पर झूमे लोग, देखें तस्वीरें | Patrika News
सिद्धार्थनगर

कपिलवस्तु महोत्सव में निजामी ब्रदर्स के कव्वाली पर झूमे लोग, देखें तस्वीरें

5 Photos
6 years ago
1/5

कपिलवस्तु महोत्सव के तीसरे दिन बुधवार की रात निजामी ब्रदर्स के कव्वाली नाइट में आपसी सौहार्द के मजबूती की जो बयार चली उसमें हर कोई रंग गया। बजरंगी भाईजान, टाइगर जैसे फिल्मों में अपनी कव्वाली से धमाल मचा चुके निजामी ब्रदर्स ने बुद्ध पर भूमि पर कौव्वाली के माध्यम से आपसी सौहार्द को मजबूत बनाकर बुद्ध के विचारों को साकार करने का संदेश दिया।

2/5

हम’ को ‘ह’ से हिन्दू, ‘म’ से मुस्लिम के सबंधों को विस्तार से समझाया तो ‘म‘ से मंदिर व ‘म’ से मस्जिद के रूपों को सामने रखते हुए दोनों की राशि एक बताई। बुद्ध पर आधारित कव्वाली से जो दौर शुरू हुआ तो चलता ही गया। जिसमें हर किसी ने डुबकी लगाई।

3/5

निजामी ब्रदर्स बुधवार की रात नौ बजे मंच पर आते ही मौला रे मौला... से अपने कव्वाली की शुरुआत की। इसके बाद जैसे ही ‘छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिला के...’ की प्रस्तुति दी तो पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट के बीच झूम उठा। निजामी बद्रर्स ने इसके बाद ‘भर दो झोली मेरी या मोहम्मद दर से तेरे न जाऊंगा खाली...’ पेश किया तो लोगों ने जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया। इसके बाद ‘ख्वाजा मेरे ख्वाजा दिल में समा जा मेरे ख्वाजा...’ से माहौल को और खुशनुमा बना दिया। इसके बाद उन्होंने युवाओं पर फोकस करते हुए ‘मेरे रश्के कमर तुने पहली नजर जब नजर से मिलाई मजा आ गया...’ पेश किया तो लोग खड़े होकर तालियां बजाने को मजबूर हो गए। इसके बाद ‘सांसों की माला पे सुमिरू मैं पी का नाम...’ पेश किया तो माहौल में चार चांद लग गया। लोग भीषण ठंड में भी बड़ी शिद्दत से कौव्वाली को सुन कर बीच-बीच में जोरदार तालियों से उनका उत्साह भी बढ़ाते रहे।

4/5

इस अवसर पर सांसद जगदम्बिका पाल, जिला जज राजेंद्र कुमार, डीएम कुणाल सिल्कू, उनकी पत्नी डॉ.अंकिता सहाय, विधायक श्यामधनी राही, एसडीएम डॉ. महेंद्र कुमार, सीएमओ डॉ.वेद प्रकाश शर्मा, जिला आबकारी अधिकारी नवीन सिंह, जिला सूचना अधिकारी आशुतोष पाण्डेय आदि मौजूद रहे।

5/5

फिल्म रॉकस्टार की कव्वाली ‘कुन पाया कुन पाया तेरे बिन खाली आजा खाली पल में आ जा, वो जो मुझमें समाया वो जो तुझमें समाया...’ पर भी लोगों ने जोरदार तालियां बजाई। इसके बाद जब अंतिम कव्वाली ‘दमादम मस्त कलंदर अली का पहला नंबर...’ पेश किया तो लोगों में उत्साह चरम पर पहुंच गया। पूरे दो घंटे तक चले कार्यक्रम में सूर-लय-ताल का ऐसा सुंदर समागम हुआ कि लोग भीषण ठंड में भी अभी और सुनने को बेताब रहे। पर कोहरे का कहर उनकी इस बेताबी पर भारी पड़ गई।

loksabha entry point
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.