जागरूकता में अभियान का असर तो दिख रहा है। लेकिन जमीन पर विभाग के कार्य की प्रगति काफी धीमी है जिससे कि समय से शतप्रतिशत शौचालयों का निर्माण पूरा होने की उम्मीद नहीं दिख रही है। पंचायती राज विभाग को जिले के सभी गांवों को अक्टूबर 2018 तक खुले में शौच मुक्त बनाया जाना है। जिसके लिए प्रतिदिन छह सौ शौचालयों का निर्माण किया जाना है लेकिन जिले में शौचालय के निर्माण की रफ्तार काफी धीमी है। प्रतिदिन छह सौ शौचालय के सापेक्ष प्रतिदिन दो सौ ही शौचालय का निर्माण कराया जाना है। इस रफ्तार से निर्धारित समय तक सभी गांवों में शौचालय का निर्माण पूरा नहीं हो सकेगा। जिले के 2485 गांवों के सभी गांवों में शौचालय का निर्माण कराया जाना है।
विभाग के अनुसार जिले में 32500 शौचालयों का निर्माण कराया जाना है कि लेकिन अभी तक 19000 शौचालयों का ही निर्माण कराया जा सका है। अभियान के तहत शतप्रतिशत शौचालय के निर्माण के लिए विभाग ने राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षित भी किया जा चुका है। जिससे कि गांवों में तेजी से शौचालयों का निर्माण कराया जा सके। इसके लिए लगातार समीक्षा भी की जा रही है इसके बाद भी जिले में शौचालय के निर्माण की रफ्तार जोर नहीं पकड़ पा रही है। ऐसे में निर्धारित समय तक शौचालयों का निर्माण पूर पाना विभाग के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
प्रत्येक सचिवों को दिया गया है लक्ष्य: गांवों के शत प्रतिशत घरों में शौचालय का निर्माण पूरा करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम पंचायत अधिकारियों को प्रतिदिन तीन शौचालय बनाने का लक्ष्य दिया गया है। लेकिन कतिपय सचिवों द्वारा ही प्रतिदिन एक शौचालय बनाने का लक्ष्य पूरा किया जा रहा है। जिससे प्रत्येक दिन दो सौ ही शौचालय का निर्माण हो पा रहा है। शतप्रतिशत सचिवों द्वारा शौचालय निर्माण में रूचि नहीं लिए जाने के कारण प्रतिदिन छह सौ शौचालयों का निर्माण नहीं हो पा रहा है। जिसके लिए दो ग्राम पंचायत अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो चुकी है। इसके बाद भी जिले में शौचालय का निर्माण जोर नहीं पकड़ पा रहा है।
BY- Suraj Singh