वजन दिवस के दौरान शून्य के दो वर्ष तक के बच्चों की सूची तैयार कर उनका वजन किया जाएगा और दिए गए मानकों के आधार पर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कर उनमें कुपोषण का चिन्हीकरण किया जाएगा। कुपोषित बच्चों को चिन्हित करने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं को प्रशिक्षित किया गया है। पिछले साल उन्होंने इस कार्य को सही ढंग से अंजाम दिया था। इस बार कार्यकत्रियों के धरने पर होने के कारण वजन दिवस की गाड़ी अटक गई है।
यह भी पढ़ें- कर्जमाफी के बाद भी बैंक को ब्याज दे रहे किसान जिलाधिकारी ने वजन दिवस को लेकर हुए बैठक में स्वास्थ्य व शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों को आयोजन को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को आशाओं के माध्यम से दो वर्ष तक के बच्चों की सूची बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। ज्यादातर ब्लाकों ने आशावार दो वर्ष तक के बच्चों की सूची भी विभाग को उपलब्ध करा दी है। फिर भी वजन दिवस में समस्या खड़ी होगी।
यह भी पढ़ें- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने निकाली शव यात्रा, रविवार से लखनऊ में तेज होगा आंदोलन बच्चों के चिन्हीकरण में होगी समस्या शिक्षा विभाग के सामने समस्या यह है कि विभाग यह कैसे तय करेगा कि कौन सा गांव किस आंगनबाड़ी केन्द्र के अन्तर्गत आएगा और कहां पर बच्चे का वजन लिया जाएगा। इस समस्या को लेकर शिक्षा व बाल विकास विभाग के जिम्मेदार हलकान है कि आखिर यह कैसे सम्भव होता था इसकी रिपोर्टिंग कैसे होगी, बच्चों का फालोअप कैसे किया जाएगा? यह सभी के लिए बड़ा सवाल है। फिर भी आधी अधूरी तैयारी के साथ मंगलवार को वजन दिवस मनाए जाने की तैयारी पूरी करने का दावा किया जा रहा है।
by Suraj Chauhan