जल संरक्षण के लिए २५५ निर्माण कार्य, सजों नहीं पाए पानी की एक भी बूंद
सीधीPublished: Jan 23, 2020 05:08:35 pm
जल संरक्षण के लिए २५५ निर्माण कार्य, सजों नहीं पाए पानी की एक भी बूंद, एक करोड ६४ लाख खपाने के बाद भी जल संरक्षित नहीं कर पाई वाटर सेड योजना, वाटर सेड योजना के तहत जल संरक्षण के लिए पानी की तरह बहाए गए रूपए, कुसमी व मझौली विकासखंड मे खपाए गए सर्वाधिक राशि
वाटर सेड योजना के तहत जल संरक्षण के लिए पानी की तरह बहाए गए रूपए
सीधी। जिले मेेंं जल संरक्षण को लेकर पानी की तरह रूपए बहाए गए किंतु करोड़ो का बजट खपाने के बाद भी पानी की एक भी बूंद सजो नहीं पाए। किए गए निर्माण कार्य का कोई मतलब नहीं निकल पा रहा है। जल संरक्षण को लेकर शासन के द्वारा कई योजनाएं तैयार की गई, जिसमें नदी पुनर्जीवन योजना, वाटर सेड, आईडब्ल्यूएमपी, माइक्रोप्लान योजना सहित अन्य योजनाएं शामिल हैं। जिसमें पानी की तरह बजट बहाया गया। किंतु हकीकत यह है कि उक्त योजनाओं के तहत कराए गए निर्माण कार्य एक भी बूंद पानी का संरक्षण नहीं कर पाए। हां इस योजना के जो प्रभारी रहे उनका विकास तो स्पष्ट नजर आ रहा है किंतु योजना उद्देश्य तक नहीं पहुंच पाई।
स्वीकृति के बाद भी नहीं पूर्ण हो पाए ८५ कार्य-
आईडब्यूएमपी परियोजना अंतर्गत स्वीकृत कार्यों को वर्षों बाद भी पूर्ण नहीं किया गया, बल्कि अधूरा छोड़ दिया गया है। मालुम हो कि योजना अंतर्गत कुल २५५ निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए थें, जिसमें मोघा बांध, रपटा, डेवरी सहित अन्य कार्य शामिल थे किंतु वर्षों बाद भी ८५ निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किए गए हैं। वहीं अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा पहल भी नहीं की जा रही है।
२५५ कार्य के लिए खपाए गए १.६४ करोड़ रूपए-
आईडब्ल्यूएमपी योजना अंतर्गत जिले में छह परियोजनाएं बनाई गई है। जिसके तहत जिले में २५५ निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए थे। जिसके लिए एक करोड़ ६४ लाख ६६ हजार रूपए खपाए गए। किंतु इतने खर्च के बाद भी जल संरक्षित नहीं हो पाया।
परियोजना का नाम स्वीकृत कार्य पूर्ण कार्य व्यय राशि
आईडब्ल्यूएमपी-०१ ८१ ५१ ३७.६१
आईडब्ल्यूएमपी-०२ ५१ २९ ३३.७०
आईडब्ल्यूएमपी-०३ ३९ ३० २५.१४
आईडब्ल्यूएमपी-०४ ४४ ३१ ३०.९६
आईडब्ल्यूएमपी-०५ १६ ११ १५.४५
आईडब्ल्यूएमपी-०७ २४ १८ २२.००
कुल २५५ १७० १६४.६६
नोट- राशि लाख में।