scriptटूरिस्ट के लिए खुशखबरी, 25 साल बाद हो सकेंगे ‘गौर’ के दीदार | 50 Gaurs will be brought from Kanha and Satpura National Park | Patrika News

टूरिस्ट के लिए खुशखबरी, 25 साल बाद हो सकेंगे ‘गौर’ के दीदार

locationसीधीPublished: May 03, 2023 02:11:43 pm

Submitted by:

Ashtha Awasthi

– 1997 में विलुप्त हो चुके गोजातीय पशु को लाने की तैयारी अंतिम चरण में- कान्हा और सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान से 50 गौर लाए जाएंगे

सीधी। संजय टाइगर रिजर्व आने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबर है। यहां से 25 वर्ष पहले विलुप्त हो चुके गोजातीय पशु गौर की जल्द वापसी होगी। इसके बाद पर्यटक उनका दीदार कर सकेंगे। जैव विविधता बनाए रखने के लिए रिजर्व क्षेत्र में करीब 50 गौर लाने की मंजूरीमिल चुकी है। विशेषज्ञों ने पोंड़ी रेंज इनके लिए अनुकूल बताया है।

पहले चरण में 25 आएंगे

अधिकारियों ने बताया कि कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से 35 एवं सतपुड़ा से 15 गौर सीधी लाए जाएंगे। पहले चरण में जून के पहले सप्ताह में 25 गौर लाने की तैयारी है। शेष बारिश का मौसम खत्म होने के बाद अक्टूबर में आएंगे। इनको वापस लाने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है।

करीब चार वर्ष पहले भी इन्हें लाने की मंजूरी मिल गई थी, लेकिन तकनीकी अड़चन से नहीं लाए जा सके थे। अमित कुमार दुबे, सीसीएफ का कहना है कि संजय टाइगर रिजर्व में 50 गौर लाने की मंजूरी मिली है। इससे संजय टाइगर रिजर्व में जैव विविधता लौटेगी।

1997 के बाद से नहीं दिखे

संजय टाइगर रिजर्व में 1995 तक बड़ी संख्या में गौर थे। 1997 के बाद इन्हें नहीं देखा गया। इससे जैव विविधता पर संकट बना हुआ है।

हो गई थी बाधिन की मौत

बीते कुछ दिनों पहले ही संजय टाइगर रिजर्व की बाघिन टी – 32 की करंट में फंसने से मौत हो गई थी। इसकी उम्र करीब 4 साल रही थी। शिकारियों ने टमसार वन क्षेत्र अंतर्गत राजस्व गांव केरहिया में गोपद नदी के किनारे रेत में दो गड्ढे खोदकर एक में कालर आइडी और दूसरे में बाघि‍न का शव छिपाया था। रिजर्व दल और डॉग स्क्वाड की सूझबूझ से शव को ढूंढा जा सका। पोस्‍टमार्टम के बाद बाघि‍न का दाह संस्कार कर दिया गया।

 

 

 

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