बता दें कि मंगलवार की सुबह 7:30 बजे के करीब सीधी से सतना जा रही यात्री बस बाणसागर नहर में जा गिरी थी। जानकारी के मुताबिक इस बस में करीब 60 यात्रियों के सवार होने का अनुमान है। मंगलवार की शाम तक 42 शव निकाले गए थे। बुधवार की सुबह तक नहर से निकाले गए शवों की संख्या 51 तक पहुंच गई है। रेस्क्यू आपरेशन लगातार जारी है।
क्षेत्रीय नागरिकों के मुताबिक यह हादसा रूट बदलने के चलते हुआ। अगर जबलनाथ ट्रैवल्स की यह बस अपना रूट न बदलती तो लोगों की जान नहीं जाती। जानकारी के अनुसार छुहिया घाटी से होकर बस रोजाना सतना के लिए जाती थी। मंगलवार की सुबह ट्रैफिक जाम के चलते ड्राइवर ने बस का रूट बदलकर नहर का रास्ता पकड़ा और यह हादसा हो गया।
इस बीच खुद तैर कर बाहर निकलने वाले रीवा के सिमरिया निवासी बस ड्राइवर बालेंद्र विश्वकर्मा (28 साल) को पुलिस ने मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस की पूछताछ में ड्राइवर ने बताया कि उसका एक ड्राइविंग लाइसेंस हादसे में बह गया जबकि दूसरा लाइसेंस रीवा में है जबकि गाड़ी के कागजात सतना में है। इसके बाद बालेंद्र के ड्राइविंग लाइसेंस और बस के डॉक्यूमेंट्स के लिए दो टीमें रीवा और सतना भेज दी गई हैं।
पुलिस ड्राइवर से यह पता करने में जुटी है कि क्या वह अक्सर ओवरलोड बस चलाता था? एएसपी अंजूलता पटले के मुताबिक, बस में कुल 63 यात्री सवार थे। इनमें से तीन यात्री हादसे से पहले ही बस से उतर गए थे। वहीं 60 यात्रियों में छह की जान बच गई है। इस बस में कुल 60 लोग सवार हुए थे। इसमें सबसे ज्यादा रामपुर नैकिन, कुसमी और बहरी वेलहा से 3-3, बाकी आसपास के गांवों के थे।
बस हादसे में जिंदा बच गए लोग इसे ईश्वर की कृपा मान रहे हैं। दरअसल इतने बड़े हादसे में छह लोगों को उनके जज्बे ने बचा लिया। इसमें तीन पुरुष और तीन युवतियां शामिल हैं। इस दौरान बहादुर बेटी शिवरानी और उसके परिजन ने इन छह लोगों को बचाने में गजब की हिम्मत और जज्बा दिखाया। इसमें से अधिकतर 200 से 500 मीटर तक बह गए थे।
जिंदा बच निकलने वाले यात्री
स्वर्णलता प्रभा (24 वर्ष), विभा प्रजापति (21 वर्ष), अर्चना जायसवाल (23 वर्ष), सुरेश गुप्ता (60 वर्ष), ज्ञानेश्वर चतुर्वेदी (50 वर्ष) और अनिल तिवारी (40 वर्ष)।
स्वर्णलता प्रभा (24 वर्ष), विभा प्रजापति (21 वर्ष), अर्चना जायसवाल (23 वर्ष), सुरेश गुप्ता (60 वर्ष), ज्ञानेश्वर चतुर्वेदी (50 वर्ष) और अनिल तिवारी (40 वर्ष)।