फिलहाल, सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में जिले से करीब 57 हजार शिकायतें लंबित हैं। समाधान न होने के पीछे प्रशासन का तर्क है कि संविदा कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिससे स्थायी कर्मियों में काम दबाव ज्यादा बढ़ गया है। वे शिकायतों के समाधान पर ध्यान नहीं दे पा रहे। बीते १५ दिन से आवाम की शिकायतों का निराकरण ठप सा पड़ा हुआ है। शिकायतें तो काल सेंटर पर दर्ज कर ली जाती है, किंतु संविदाकर्मिंयों की हड़ताल समाप्त हो जाने के बाद भी निराकरण की गति नहीं बढ़ सकी है।
बिजली की समस्या भी कम नहीं
जिले में बिजली की समस्या भी लंबे समय से बनी हुई है। इसका निराकरण न होने पर लोगों ने मजबूरी में सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने को बाध्य हैं। बिजली समस्या को लेकर तीन हजार 473 शिकायतें पंजीबद्ध हो चुके हैं। इसका निराकरण नहीं हो पा रहा है।
जिले में बिजली की समस्या भी लंबे समय से बनी हुई है। इसका निराकरण न होने पर लोगों ने मजबूरी में सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने को बाध्य हैं। बिजली समस्या को लेकर तीन हजार 473 शिकायतें पंजीबद्ध हो चुके हैं। इसका निराकरण नहीं हो पा रहा है।
हैंडपंप सुधार को लेकर 3 हजार शिकायतें
गर्मी के साथ ही जिले में पेयजल की किल्लत शुरू हो गई है। हैंडपंप हवा उगलने लगे। राइजर पाइप के लिए सीएम हेल्पलाइन में अब तक तीन हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। लोगों ने खराब हैंडपंप सुधारने की मांग की है। किंतु निराकरण नहीं हो पा रहा है।
गर्मी के साथ ही जिले में पेयजल की किल्लत शुरू हो गई है। हैंडपंप हवा उगलने लगे। राइजर पाइप के लिए सीएम हेल्पलाइन में अब तक तीन हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। लोगों ने खराब हैंडपंप सुधारने की मांग की है। किंतु निराकरण नहीं हो पा रहा है।
फैक्ट फाइल – एल-01 23,255
– एल-02 7,867
– एल-03 12,374
– एल-04 14,245
– कुल- 57,741 विभाग शिकायतें
– ऊर्जा विभाग 11,248
– पंचायत एवं ग्रामीण 10,667
– राजस्व विभाग 6,577
– लोक स्वास्थ्य 5,364
– गृह विभाग 3,988
– एल-02 7,867
– एल-03 12,374
– एल-04 14,245
– कुल- 57,741 विभाग शिकायतें
– ऊर्जा विभाग 11,248
– पंचायत एवं ग्रामीण 10,667
– राजस्व विभाग 6,577
– लोक स्वास्थ्य 5,364
– गृह विभाग 3,988
विभाग शिकायतें
– स्कूल शिक्षा 2,922
– खाद्य विभाग 2,889
– सामाजिक न्याय 1,575
– वन विभाग 1,417
– वित्त विभाग 1,257
– स्कूल शिक्षा 2,922
– खाद्य विभाग 2,889
– सामाजिक न्याय 1,575
– वन विभाग 1,417
– वित्त विभाग 1,257