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उचित मूल्य की दुकानो से गायब हुआ ६ हजार ३२८ क्विंटल खाद्यान्न

locationसीधीPublished: Feb 24, 2020 12:21:29 pm

Submitted by:

op pathak

उचित मूल्य की दुकानो से गायब हुआ ६ हजार ३२८ क्विंटल खाद्यान्न, १.२२ करोड़ रूपए कीमती खाद्यान्न का हिसाब नहीं बता पा रहे आपूर्ति अधिकारी, नोटिस जारी होने के बाद भी नहीं दिया गया जवाब, नोटिस जारी करने के बाद कार्रवाई से परहेज कर रहे अधिकारी

सीधी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली मे एक बार फिर गंभीर अनियमितता का मामला सामने आया है। उचित मूल्य की दुकानो से ही खाद्यान्न गायब हो गया। माह के अंतिम दिनांक को जितना खाद्यान्न था अगले माह की एक तारिख को खाद्यान्न आधा बचा, आखिर कार एक रात्रि मे खाद्यान्न कहां गया यह जांच का विषय है, इस अनियमितता मे खाद्य विभाग के द्वारा प्रथम दृष्टया सहायक एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों को दोषी माना था, जिनको नोटिस भी जारी की गई किंतु आज दिनांक तक आपूर्ति अधिकारियों के द्वारा नोटिस का जवाब देना उचित नहीं समझा गया, फिर भी विभाग के द्वारा नोटिस जारी करने के बाद इस अनियमितता को लेकर चुप्पी साध लिया है, जिससे गरीबों के हक का खाद्यान्न कहां गया इसकी जानकारी आज दिनांक तक नहीं हो पाई है। यह अनियमितता तो सिर्फ दो माह की है यदि अन्य महीनों की भी जांच की जाए तो और भी अनियमितता का खुलासा हो सकता है।
६ हजार ३२८ क्विंटल कहां गया खाद्यान्न-
माह सितंबर व अक्टूवर दो माह मे चावल व गेंहू के जारी आवंटन मे से ६ हजार ३२८ क्विंटल खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया बल्कि उसे गायब कर दिया गया। इस खाद्यान्न की कीमत एक करोड़ २२ लाख ४८ हजार २०० रूपए बताई गई है। विभागीय सूत्रों की बात मानें तो इस कारनामे मे विक्रेताओं के साथ सहायक व कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी की भूमिका है क्योंकि खाद्यान्न पर निगरानी रखने के लिए इन आपूर्ति अधिकारियों की तैनाती प्रत्येक विकासखंड मे की गई है।
इस तरह हुई अनियमितता उजागर-
शासकीय उचित मूल्य की दुकानो मे आवंटित होने वाले खाद्यान्न का प्रत्येक अंतिम माह मे हिसाब किया जाता है। महीने की अंतिम तारीख को शेष स्टाक को अगले माह की एक तारीख को प्रारंम्भिक स्टाक के रूप मे माना जाता है। किंतु जिले के सितंबर व अक्टूवर माह का प्रारंभिक स्टाक उसके पूर्व माह मे ज्यादा था किंतु एक तारिख को उस स्टाक मे कमी आ गई। जिससे अनियमितता की पुष्टि हो पाई।
तीन आपूर्ति अधिकारियों को जारी हुई थी नोटिस-
इस अनियमितता को लेकर जिले के तीन सहायक व कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। जिसमें सहायक आपूर्ति अधिकारी अजीत कुमार सिंह, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ललित मेहरा व कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी संदीप कुमार तिवारी का नाम शामिल हैं, तीनो को नोटिस जारी करने के बाद भी आज दिनांक तक जवाब नहीं प्रस्तुत किया गया।
इन अधिकारियों के पास है इस विकासखंड का प्रभार-
सीधी जिले में पांच विकासखंड शामिल हैं, जिनको विकासखंड वार खाद्यान्न वितरण की निगरानी के लिए तैनात किया गया है। जिसमें सहायक आपूर्ति अधिकारी अजीत कुमार सिंह को कुसमी व मझौली विकासखंड कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी संदीप कुमार तिवारी को चुरहट व रामपुर नैकिन तथा कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ललित मेहरा को सीधी व सिहावल विकासखंड की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
फैक्ट फाइल-
अधिकारी खाद्यान्न राशि
संदीप तिवारी २,०७० ३९,४५,४५०
ललित मेहरा १,८०७ ३४,४५,५५०
अजीत कुमार सिंह २,४५१ ४८,५७,२००
कुल ६,३२८ १,२२,४८,२००
नोट- खाद्यान्न क्विंटल में।
प्राप्त आवंटन स्टाक अंतर मात्रा
गेंहू चावल गेंहू चावल गेंहू चावल
११,६८५ ६,८०४ ७,६२९ ४,४३२ ४,०५६ २,३७२
जारी की गई है नोटिस-
शेष स्टाक व प्रारंभिक स्टाक मे अंतर आने पर नोटिस जारी की गई थी, मैं अभी मुंबई अस्पताल मे भर्ती हूं, वापस आने के बाद इस मामले मे क्या हुआ इसकी सही जानकारी दे पाउंगा।
आशुतोष तिवारी
जिला खाद्य अधिकारी, सीधी

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