scriptमास्साब के स्कूल न पहुंचने की एक वर्ष में एल-४ में पहुंची ७९ शिकायतें | 9 complaints reached in L-7 in a year of Massab not reaching school | Patrika News

मास्साब के स्कूल न पहुंचने की एक वर्ष में एल-४ में पहुंची ७९ शिकायतें

locationसीधीPublished: Jan 23, 2020 06:48:39 pm

Submitted by:

op pathak

जिले में लापरवाह मास्साब!, मास्साब के स्कूल न पहुंचने की एक वर्ष में एल-४ में पहुंची ७९ शिकायतें, ६७ शिकायतों का अब तक हो चुका है निराकरण, १२ अभी भी लंबित, स्कूलों में पढ़ाने जाने से कन्नी काट रहे शिक्षक, शिकायतों की भरमार

teachar

स्कूलों में पढ़ाने जाने से कन्नी काट रहे शिक्षक, शिकायतों की भरमार

सीधी। जिले के शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की आवाजाही को लेकर जमकर लापरवाही चल रही है। मास्साब समय पर स्कूल नहीं पहुंचते, अभिभावक मास्साब की शिकायत करते हैं लेकिन शिकायतों के बाद अभिभावकों पर दबाव बनाकर आपसी सुलह से शिकायत का निराकरण करा लिया जाता है। शिक्षकों की स्कूल आने मे की जा रही मनमानी से अभिभावक इतने परेशान हैं कि उनके द्वारा मुख्यमंत्री ऑनलाइन शिकायत करने से पीछे नहीं हटते। माह जुलाई २०१९ से जिले के शासकीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों के स्कूल न आने या निर्धारित समय के बाद आने तथा छुट्टी के पहले ही चले जाने संबंधी कुल ७९ शिकायतें मुख्यमंत्री ऑनलाइन में एल-४ स्तर तक पहुंची थी, जिसमें से अब तक एल-४ स्तर से ६७ शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है, जबकि १२ शिकायतें अभी भी लंबित हैं। विलोपित की गई ६७ शिकायतों में से सात शिक्षकों की वेतनबृद्धि रोकने की कार्रवाई की गई है, जबकि दो की वेतनबृद्धि रोकने संबंधी कार्रवाई प्रचलन में हैं। शेष शिकायतें आपसी सहमति के आधार पर बंद कर दी गई हैं।
बतातें चलें कि जिले के स्कूलों में शिक्षकों के समय पर न पहुंचने व समय पूर्व ही स्कूल से वापस चले जाने की शिकायतें आम होती जा रही हैं। प्रशासन द्वारा इस लगाम कसने के सारे प्रयाश विफल होते जा रहे हैं। अभिभावक स्थानीय स्तर पर शिकायत करते थक चुके हैं, कार्रवाई न होने पर उनके द्वारा सीएम हेल्प लाइन का सहारा लिया जा रहा है।
शिकायत के बाद सहमति का बनाया जाता है दबाव-
शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंचते, अभिभावक पहले प्रधानाध्यापक से शिकायत करते हैं, यहां से बात न बनने पर जनशिक्षक व बीएसी से शिकायत की जाती है इसके बाद भी जब सुधार नहीं होता तो सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की जाती है। सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की जानकारी जब संबंबधित शिक्षक को होती है तो शिकायतकर्ता पर आपसी सहमति से शिकायत करने का दबाव बनाया जाता है। सामाजिक दबाव बनाकर अंतत: शिकायत विलोपित करा ली जाती है। सीएम हेल्प लाइन में एल-४ स्तर की इस तरह की करीब ५८ शिकायते बिना कार्रवाई के आपसी सहमति के आधार पर विलोपित हुई हैं।
मनमानी में रामपुर विकासखंड अव्वल-
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएम हेल्प लाइन में एल-४ स्तर पर पहुंचने वाली शिकायतों में सर्वाधिक शिकायतें जिले के रामपुर नैकिन विकासखंड स्तर के स्कूलों की हैं। इसके बाद शिकायतों में दूसरा नंबर सिहावल विकासखंड की स्कूलों तथा तीसरे नंबर में सीधी विकासखंड के स्कूलों के शिक्षकों की है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो