आधार कार्ड बनाने के नाम पर चल रहा गोरखधंधा
सीधीPublished: Jan 19, 2020 08:24:40 pm
नियम विरूद्ध तरीके से प्रशासन की नाक के नीचे सजी हैं आधार कार्ड बनाने की दुकानें, नया आधार कार्ड बनाना नि:शुल्क, फिर भी दुकान संचालक वसूल रे 200-500 रूपए प्रति आधार कार्ड, जिम्मेदार अधिकारियों का भी फिक्स है प्रति आधार कार्ड कमीशन, हर तीन माह में बदल जाती है आईडी, पर नहीं बदलती दुकान
A fraud is going on in the name of making Aadhar card
सीधी। सीधी शहर सहित जिले भर में आधार कार्ड बनाने के नाम पर गोरखधंधा चल रहा है। सीधी शहर में ही प्रशासन की नाक के नीचे आधार कार्ड बनाने की अवैध दुकाने सजी हुई हैं, जहां लोगों से आधार कार्ड बनाने के नाम पर खुली लूट चल रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सब जानते हुए आंख बंद किए हुए हैं। बताया गया कि इसमें एक गिरोह सक्रिय है जो अधिकारियों से सांठ गांठ कर दुकानों का अवैध संचालन करा रहा है। बताया जाता है कि शहर में खुले आधार कार्ड केंद्रों में अवैध रूप से लोगों से 200 से 250 रूपए लिए जा रहे हैं, जबकि आधार कार्ड बनाए जाने का नियम नि:शुल्क है।
बताते चलें कि शासन द्वारा हर व्यक्ति का आधार कार्ड अनिवार्य कर दिए जाने से हर व्यक्ति अपना आधार कार्ड बनवाना चाहता है। हलांकि शासन द्वारा आधार कार्ड बनाने के लिए नि:शुल्क व्यवस्था की गई है, लेकिन इस कार्य में बिचौलियों के सक्रिय हो जाने से आधार कार्ड बनाने के नाम पर लोगों से वसूली की जा रही है। इसकी नियम विरूद्ध तरीके से शहर के साथ ही जिले भर में दुकाने सजी हुई हैं, जहां लोगों से 200 से 250 रूपए प्रति आधार कार्ड वसूली की जा रही है।
क्या है नियम-
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आधार कार्ड बनाने का केंद्र केवल शासकीय भवन में ही खोला जा सकता है, जहां नया आधार कार्ड बनाने के लिए कोई शुल्क नहीं है, जबकि पुराने आधार कार्ड के सुधार पर पचास रूपए का शुल्क निर्धारित है। इसके अलावा आधार कार्ड की आईडी किसी शासकीय संस्था के नाम पर ही ईशू की जा सकती है, जिसमें बैंक, पोस्ट ऑफिस, ग्राम पंचायत आदि शामिल हैं।
निजी दुकानों में चल रहा कार्य-
शासन के नियमानुसार आधार कार्ड केंद्र की आईडी तो शासकीय संस्थाओं के नाम पर ही ईशू की जा रही है, लेकिन कमीशन के आधार पर इसे निजी दुकान संचालकों को थमाया जा रहा है, जो खुलेआम दुकान खोलकर केंद्र का संचालन करते हुए उपभोक्ताओं से मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं, इसमें बिचौलिए सक्रिय होने से अधिकारियों के पास भी प्रति आधार कार्ड के मान से कमीशन पहुंचाया जा रहा है, ताकि किसी प्रकार की जांच कार्रवाई न हो।
आईडी बदलती है पर दुकान नहीं-
आधार कार्ड केंद्र की हर तीन से छ: माह में आईडी तो बदल जाती है, लेकिन सीधी शहर में करीब आधा दर्जन दुकाने चिन्हित हैं जहां आधार कार्ड बनाने का कार्य अनवरत रूप से जारी है, यहां शासकीय भवन में नि:शुल्क आधार कार्ड बनाने के नियम का खुला माखौल उड़ाया जा रहा है।
कार्रवाई के लिए लिखा गया है पत्र-
निजी दुकानों में आधार कार्ड बनाने का कार्य नहीं किया जा सकता है, और न ही नया आधार कार्ड बनाने के लिए कोई शुल्क ही लेने का प्रावधान है। सीधी शहर में अवैध रूप से आधार कार्ड बनाए जाने के केंद्र संचालित हो रहे हैं, इन पर कार्रवाई के लिए तहसीलदार गोपद बनास को पत्र लिखा जा चुका है।
मनीष ङ्क्षसह, प्रबंधन ई गवर्नेंश सीधी
जांच कर की जाएगी कार्रवाई-
यदि नियम विरूद्ध तरीके से आधार कार्ड केंद्रों का संचालन किया जा रहा है तो इसकी जांच कर दुकान संचालकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
नीलांबर मिश्रा, एसडीएम गोपद बनास सीधी