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एक रेत खदान पर दबिश देकर कार्रवाई, शेष खदानों पर बरती जा रही मेहरबानी

locationसीधीPublished: Dec 05, 2019 02:03:43 pm

Submitted by:

Manoj Kumar Pandey

प्रशासनिक कार्रवाई पर उठ रहे सवाल, सभी रेत खदानों में मशीनों से किया जा रहा रेत उत्खनन, जहां सेटिंग बिगड़ी वहीं दविश देकर की जा रही कार्रवाई, सुविधा शुल्क की दम पर रेत खदानों मे मनमानी की छूट

Action on a sand quarry, Mehrwani being carried out on the remaining m

Action on a sand quarry, Mehrwani being carried out on the remaining m

सीधी। बहरी तहसील अंतर्गत मरसरहा रेत खदान में एसडीएम द्वारा छापामार कार्रवाई कर मशीने जब्त करते हुए भले ही वाहवाही लूटी जा रही हो, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई इस कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह एक ऐसी खदान थी जिसमें सबसे कम मशीने लगाकर रेत का उत्खनन किया जा रहा था, इसके अलावा बहरी तहसील क्षेत्र में ही आठ ऐसी खदाने हैं।
जिनमें कुछ खदानों में एक दर्जन तो कुछ में आधा दर्जन मशीनो के माध्यम से रेत का उत्खनन खुलेआम किए जाते हुए प्रशासन को खुली चुनौती दी जा रही है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी कार्रवाई की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं।
सूत्रों की माने तो पंचायतों को आवंटित रेत खदानों में मशीनों से रेत उत्खनन की खुली छूट सुविधा शुल्क के दम पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा दी जा रही है, ये अलग बात है कि जब सेटिंग बिगड़ जाती है, तो प्रशासनिक अधिकारी संबंधित खदान में छापामार कार्रवाई करने पहुंच जाते हैं।
जिले में दस रेत खदानें संचालित
सीधी जिले में ग्राम पंचायतों को दस रेत खदाने में आवंटित की गई हैं, जहां प्रशासन की सह पर खुलेआम टू-टेन व जेसीबी मसीन के माध्यम से रेत की लोडिंग की जाती है, जिससे स्थानीय स्तर पर श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल रहा है वहीं जलीय जंतुओं का जीवन भी खतरे में है। बता दें कि जिले के बहरी तहसील अंतर्गत आठ खदाने जिसमें भरूही पंचायत में बारपान व भरूही, डोल पंचायत में दो, ग्राम पंचायत खुटेली में तीन खुटेली, ओदरा उर्फ उदरा एक एवं दो तथा मरसरहा पंचायत में मरसरहा खदान संचालित है। इसी तरह कुसमी तहसील गोतरा पंचायत में गोतरा तथा मझौली तहसील के धुआंडोल पंचायत में निधिपुरी रेत खदान शामिल है।
खोखली हो रही नदियां, जलीय जंतुओं का जीवने खतरे में
जिले में पंचायतों को आवंटित रेत खदानों में जिस तरह नदियों का रास्ता रोकते हुए जेसीबी व टू-टेन मशीनों के माध्यम से लगातार रेत का उत्खनन किया जा रहा है, उससे जिले की महत्वपूर्ण नदियां खोखली होती जा रही हैं, वहीं जलीय जंतुओं के जीवन पर भी खतरा मंडरा रहा है। इसके बावजूद सुविधा शुल्क के बोझ तले दबे जिले के जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
कार्रवाई के दिए गए हैं निर्देश
पंचायतों को आवंटित खदानों में मशीनों से रेत उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने व कार्रवाई करने के निर्देश तहसीलदारों को दिए जा चुके हैं, सिहावल क्षेत्र की एक रेत खदान में दविश देकर कार्रवाई की गई है, शेष रेत खदानों की जांच कर कार्रवाई के निर्देश भी एसडीएम को दिए जाएंगे।
रवींद्र कुमार चौधरी, कलेक्टर सीधी

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