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प्रशासन ने भी माना कंपनी कर रही वादाखिलाफी, 129 किसानों को नहीं दी नौकरी, करेंगे आंदोलन

locationसीधीPublished: Aug 22, 2019 06:54:56 pm

Submitted by:

Anil singh kushwah

जनपद पंचायत रामपुर नैकिन अंतर्गत मझिगवां बघवार में संचालित अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट का मामला

administration also admitted company did not provide jobs to129 farmers

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सीधी. जिले के जनपद पंचायत रामपुर नैकिन अंतर्गत मझिगवां बघवार में संचालित अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट की वायदा खिलाफी के विरोध में पीडि़त मजदूर ग्रामीण पुन: आंदोलन की राह पर हैं। पीडि़तों द्वारा उक्त संबंध में करीब एक सप्ताह पूर्व जिले के प्रभारी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जा चुका है। दरअसल पीडि़तों द्वारा गत जनवरी माह में लगातार एक पखवाड़े तक किए गए आंदोलन के बाद तत्कालीन कलेक्टर अभिषेक सिंह द्वारा एक जांच समिति का गठन किया था, जिसमें पीडि़तों की मांगों के संबंध में जांच कर प्रतिवेदन सौंपने के निर्देश दिए गए थे।
जांच समिति ने जांच उपरांत कलेक्टर को सौंपा प्रतिवेदन
तहसीलदार रामपुर नैकिन के नेतृत्व में गठित जांच समिति द्वारा जांच पूरी कर मार्च माह में कलेक्टर को प्रतिवेदन भी सौंपा जा चुका है, जिसमें पीडि़तों की मांगों को जायज बताते हुए मांगे पूरी किया जाना प्रस्तावित किया गया था, किंतु चार माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी कंपनी द्वारा इस दिशा में कोई पहल नहीं किए जाने से पुन: संबंधित मजदूर, किसान व ग्रामीण आंदोलन की तैयारी बना चुके हैं।
ये थे जांच समिति में
जांच समिति में तहसीलदार रामपुर नैकिन, श्रम निरीक्षक सीधी, श्रमिक प्रतिनिधि नीलेश तिवारी एवं वीरेंद्र तिवारी तथा अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट की ओर से गुरूध्यान सिंह समिति सदस्य के रूप मेें शामिल थे। समिति द्वारा जांच का कार्य किया गया, जांच के समय श्रमिकों के भूमि संबंधी दस्तावेज एवं कथन लिए गए तथा अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट द्वारा जवाब भी पेश किया गया।
कंपनी द्वारा जांच समिति के प्रस्ताव नहीं की जा रही पहल
जांच समिति ने अपने प्रतिवेदन में स्पष्ट किया कि जेपी कंपनी द्वारा भूमि क्रय की गई थी तथा कुछ भूमियां जरिए एवार्ड अधिकृत की गई थी, तथा नामित व्यक्ति को कंपनी ने सीएच एवं एलपीसी में नौकरी देने की बात कही थी, जो कि लिखित में संबंधित कृषकों को दी गई थी। प्रभावित किसानों के द्वारा जो वर्तमान में सीएच कार्ड होल्डर मेें ठेकेदार के अधीन कार्य कर रहे हैं, वर्तमान में कार्यरत मजदूरों को जो मजदूरी भुगतान किया जा रहा है वह बहुत ही कम है। अत: जब तक कंपनी में नियमित रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जाता है तब तक वर्तमान मजदूरी में बृद्धि किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में कार्यरत १२२ व्यक्तियों के पास कोई तकनीकि योग्यता नही है, अत: इन्हे चरणबद्ध तरीके से तकनीकि प्रशिक्षण दिया जाकर एक वर्ष के भीतर कंपनी में नियमित रोजगार उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित किया गया, जहां तक कंपनी के द्वारा अर्जित भूमि, क्रय द्वारा ली गई भूमि, लीज द्वारा प्राप्त की गई भूमि के 129 भूमि स्वामियों को कंपनी में रोजगार उपलब्ध कराए जाने का प्रश्न है, उन्हें भी कंपनी के द्वारा लिखित में रोजगार प्रदाय किए जाने का आश्वासन दिया गया है, कंपनी के लिखित पत्रों के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित किया गया, अत: मजदूरी भुगतान कार्रवाई तत्काल एवं शेष कार्रवाई एक वर्ष के भीतर किया जाना प्रस्तावित किया गया। लेकिन कंपनी द्वारा जांच समिति के उक्त प्रस्ताव के आधार पर कोई भी पहल नहीं की जा रही है।
इन बिंदुओं के आधार पर की गई जांच
प्रभावित कुल 122 व्यक्ति एवं 129 भूमि स्वामी थे तथा प्रभावित भूमि किस ग्राम की थी। जेपी सीमेंट प्लांट द्वारा किन शर्तों के अधीन भूमि का अधिग्रहण किया गया। जेपी प्लांट का अंतरण अल्ट्राटेक सीमेंट के नाम कब हुआ था तथा क्या अंतरण में कर्मचारियों के संबंध में भी लेख किया गया था। शर्तों के अधीन किन-किन व्यक्तियों को सेवा का लाभ दिया गया एवं सेवा का स्वरूप क्या था। क्या प्रभावित 122 व्यक्ति एवं 129 व्यक्ति वर्तमान समय में अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट में कार्यरत हैं।
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