वर्षों बाद पूर्ण हुआ मंदिर निर्माण, हुई राघव जी की मूर्ति स्थापना
सीधीPublished: Jun 15, 2019 09:06:19 pm
मंदिर से चोरी गई करोड़ों की अष्टधातु की मूर्ति का आज तक नहीं लगा सुराग, नौ वर्ष बाद मंदिर में हुई राम की वापसी
सीधी। मझौली के हृदय स्थली बाजार तिराहे में वर्षो पुराने बने राम मंदिर में लगभग नौ वर्ष बाद स्थानीय युवा साथियों के अथक प्रयास के बाद 14 जून को भगवान राम, लक्ष्मण, सीता व भरत की मूर्ति स्थापना बड़े ही धूम-धाम व भक्ति भाव के साथ शनिवार को की गई। मूर्ति स्थापना मे सभी समुदाय के लोंगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया, लेकिन सबके मन में एक कसक जरूर रही की नौ वर्ष पूर्व चोरी हुई करोड़ों की लागत की भगवान राम की अष्टधातु की मूर्ति का पता मझौली पुलिस आज तक नही लगा सकी। इधर जनसहयोग से बीते कई वर्षों से चल मंदिर जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण होने के बाद मझौली के कुछ युवा साथियो द्वारा 13 जून को नगर में कलश यात्रा के साथ 14 जून को परंपरागत रीति रिवाज के साथ मूर्ति स्थापना व 15 को विशाल भंडारा का आयोजन किया गया। चोरी गई अष्टधातु की मूर्ति न मिलने पर भगवान राम, सीता, लक्ष्मण व भरत जी की नई मूर्ति की स्थापना की गई।
बतातें चले कि वर्षो पहले रीवा महाराजा द्वारा मझौली बाजार के बीचो बीच स्थित मंदिर पर करोड़ों रुपए की लागत से बनी लगभग एक क्ंिवटल की अष्टधातु की भगवान राम की मूर्ति की स्थापना कराई गई थी जो मझौली के साथ नजदीकी ग्रामों के निवासियों के लिए भी आस्था का केंद्र रहा करती थी। लेकिन 12 अप्रैल 2011 दिन मंगलवार रामनवमी के ही दिन चोरों द्वारा उक्त बेसकीमती मूर्ति पार कर दी गई, जिसका पता लगाने में मझौली पुलिस नाकामयाब रही। हलांकि स्थानीय लोगों द्वारा मूर्ति वापसी को लेकर काफी प्रयास किया गया और कई बार पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा गया, लेकिन पुलिस व प्रशासन का सहयोग नहीं मिलने के चलते उन्हें पीछे हटना पड़ा। भगवान रामलला की मूर्ति चोरी के बाद वर्षो से मंदिर में बना सिंहासन् भगवान के बिना ही खाली पड़ा रहा, वहीं कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा मंदिर को भव्य रूप देने का जिम्मा उठाया गया, लेकिन कतिपय कारणों से मंदिर निर्माण का कार्य भी अधूरा छोड़ दिया गया था, जिसको लेकर स्थानीय कुछ व्यापारी युवाओं द्वारा मंदिर निर्माण के साथ मूर्ति स्थापना की जिम्मेवारी ली गई व दो वर्ष पूर्व ही बनारस से राम एलक्ष्मण व भरत की मूर्ति स्थापना के लिए मगा ली गई थी, लेकिन कुछ राजनैतिक विसंगतियों के चलते युवाओं को मूर्ति स्थापना से वंचित होना पड़ा था लेकिन युवा जोस ने तमाम अड़चनों के बाद 14 जून को विधिवत मूर्ति स्थापना का कार्य संपन्न कराया।
इन युवाओं का रहा संघर्षपूर्ण योगदान-
मंदिर निर्माण से लेकर भगवान राम की मूर्ति स्थापना तक के सफर में मझौली के कुछ युवाओं द्वारा काफी मशक्कत की गई, जिसमें सोनल गुप्ता, विकास गुप्ता विक्की, ध्रुव गुप्ता, अंबुज गुप्ता, लालजी गुप्ता, शुभम् जायसवाल, शुभम् गुप्ता, विक्कू गुप्ता, दिवाकर गुप्ता, शिवम् गुप्ता, मुकेश गुप्ता, अंकित गुप्ता, गौरव, विनय व धर्मेंद्र गुप्ता अदि का सराहनीय योगदान रहा।