बताया कि पीड़ित परिवार कुछ माह पहले ही संजय टाइगर रिजर्व से विस्थापित होकर बेलगांव में बसा था। ठीक से गृहस्थी भी नहीं बसा पाया था कि हाथियों के उत्पात का शिकार हो गया। परिवार में अकेले पत्नी बची है, जिसका रो-रोकर बुरा हाल है।
देररात हमला, बेटी को बचाने में गई जान
हाथियों का झुंड शनिवार रात तकरीबन 2 बजे छग के सीमावर्ती गांव बेलगांव पहुंचा था। वहां उत्पात मचाते हुए न सिर्फ गुलाब सिंह गोड़ का नवनिर्मित घर क्षतिग्रस्त कर दिया, बल्कि 32 वर्षीय गुलाब सिंह व उसकी 8 वर्षीय बेटी मुन्नी को मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद ग्रामीणों ने खदेड़ा तो यह हाथी मबई नदी पार कर संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पहुंच गए।
गुलाब सिंह कुसमी जपं के तिनगी में परिवार के साथ रहता था। यह गांव चूंकि, संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र में है। इसलिए विभाग ने 10 लाख का पुनर्वास पैकेज देकर कुछ दिन पहले ही विस्थापित किया था। जिस पर उन्होंने पड़ोसी राज्य छग के बेलगांव में गृहस्थी बसाने की तैयारी की। मकान निर्माण चल ही रहा था कि हाथियों ने हमला कर दिया।
शहडोल जिले में भी ले चुके कई जान
हाथियों का झुंड अप्रैल तक संजय टाइगर रिजर्व के जंगलों में डेरा जमाए हुए थे। इसके बाद जनकपुर के जंगलों का विचरण करते हुए शहडोल जिले के जयसिंहनगर क्षेत्र में पहुंच गए थे। वहां अलग-अलग परिवारों के आधा दर्जन लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।
संजय टाइगर रिजर्व परिक्षेत्र अधिकारी,कविता कोल ने बताया कि दल में 9 हाथी हैं। शहडोल व छग के बेलगांव में इनका उत्पात देखने के बाद क्षेत्र वासियों को अलर्ट कर दिया है। हमले से बचने के लिए जागरुकता ही एक उपाय है। अभी हाथियों का झुंड पोंड़ी के जंगलों में है। इसलिए आसपास के ग्रामीणों को जंगल में प्रवेश न करने की समझाइश दी जा रही है।