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ये भी गजब है ! पुल बनकर तैयार पर नहीं बनी सड़क, लगाना पड़ रहा 50 किमी. का चक्कर

locationसीधीPublished: May 28, 2022 07:09:00 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

पुल के दोनो किनारों से मुख्य मार्ग तक करीब डेढ़ किमी की सड़क न बन पाने से शुरु नहीं हो पा रहा आवागमन..

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सीधी. अब इसे अजब एमपी का गजब मामला न कहें तो फिर क्या कहें क्योंकि करोड़ों की लागत से एक नहीं बल्कि दो-दो पुल बनकर तैयार हो चुके हैं लेकिन दोनों ही पुलों तक सड़क न बनने के कारण इनसे आवागमन शुरु नहीं हो पा रहा है जिसके कारण लोगों को 50 किमी. का चक्कर लगाना पड़ रहा है। मामला सीधी जिले का है जहां बनकर तैयार दो पुल प्रशासनिक लापरवाही के चलते अनुपयोगी साबित हो रहे हैं।

 

पुल बनकर तैयार अब रोड का इंतजार
रामपुर नैकिन जनपद में हनुमानगढ़ अंचल के दो दर्जन से अधिक गांवों की जनपद, तहसील, थाना सहित अन्य विभागों की दूरी कम करने एक दशक पूर्व रामपुरनैकिन-घुंघुटा मार्ग में सोन नदी के खैरा घाट पर पुल निर्माण की कवायद शुरू हुई थी। वर्ष 2013 में इसका अनुमोदन हुआ और वर्ष 2013-14 में प्रशासकीय स्वीकृत लागत राशि 11.78 करोड़ की लागत से टेंडर के आधार पर पुल निर्माण का काम शुरु हुआ। 31 दिसंबर 2018 को पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन लापरवाही सहित तकनीकी अड़चनों के कारण किसी तरह दिसंबर 2021 में पुल का निर्माण तो पूरा हो गया, किंतु दोनो किनारों के मुख्य मार्ग से पुल तक करीब डेढ़ किमी संपर्क मार्ग का निर्माण न होने से आवागवन शुरू नहीं हो पाया है।

 

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भू-अर्जन नहीं होने से लटका सड़क निर्माण
मुख्य मार्ग से पुल को जोड़ने खैरा गांव की ओर 260 मीटर व डिठौरा की और 900 मीटर संपर्क सड़क बनानी है। इसका टेंडर पुल के साथ ही हो गया था, लेकिन भू-अर्जन न हो पाने के कारण सड़क निर्माण अटक गया। खैरा की ओर भू-अर्जन की कार्रवाई लगभग पूर्ण हो चुकी है, लेकिन डिठौरा गांव की ओर भू-अर्जन कार्रवाई तकनीकि खामियों से अधर में लटकी होने से निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका है।

 

गोपद में भी यही हाल
बहरी तहसील में छह माह पूर्व गोपद नदी के बारपान मेें बने पुल का भी यही हाल है। भू अधिग्रहण के अभाव में यहां सड़क नहीं बनी, इसलिए पुल की उपयोगिता साबित नहीं हो पा रही है। एक दर्जन से अधिक गांव के रहवासी तहसील मुख्यालय के लिए 50 किमी का चक्कर काटते हैं।

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