डॉ. राजौरा के अनुसार मध्यप्रदेश बंदी छुट्टी नियम-1989, नियम-4-घ के उप नियम (3) में संशोधन किया गया है। संशोधित नियम -(3) अनुसार प्राकृतिक आपदा और महामारी की दशा में आपात छुट्टी-नियम-(1) और (2) में किसी बात के होते हुए भी, महामारी के खतरे, प्राकृतिक आपदा जैसी आपात स्थितियों की दशा में या किसी अन्य परिस्थिति में जेल में बंदियों की संख्या कम की जा सकती है। उन्होंने कहा कि जेल के बंदियों की जनसंख्या को तत्काल कम करने के मद्देनजर बंदियों को एक बार में अधिकतम 300 दिवस की छुट्टी दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि बंदियों द्वारा जेल के बाहर व्यतीत की गई आपात छुट्टी की अवधि की गणना बंदी के कुल दंडादेश की अवधि में सम्मिलित की जाएगी।
बता दें कि नियम 4ग, सामान्य छुट्टी अवधि में कैंलेंडर वर्ष (एक जनवरी से 31 दिसंबर तक) में बंदी को अधिकतम 42 दिवस की छुट्टी की पात्रता रही है। छुट्टी मंजूर करने वाला प्राधिकारी, उस वर्ष में तीन भाग की छुट्टी मंजूर कर सकता था।
1-सामान्य छुट्टी भाग एक- माह जनवरी से अप्रैल के बीच 14 दिन
2- सामान्य छुट्टी भाग दो-माह मई से अगस्त के बीच 14 दिन
3- सामान्य छुट्टी भाग तीन-माह सितंबर से दिसंबर के बीच-14 दिन
1-सामान्य छुट्टी भाग एक- माह जनवरी से अप्रैल के बीच 14 दिन
2- सामान्य छुट्टी भाग दो-माह मई से अगस्त के बीच 14 दिन
3- सामान्य छुट्टी भाग तीन-माह सितंबर से दिसंबर के बीच-14 दिन