बता दें कि मंगलवार को सरदा पटना गांव के पास बाणसागर नहर में हुए बस हादसे में जहां अब तक 51 शव निकाले जा चुके हैं। वहीं तीन परिवारों को अब भी उनके लाल नहीं मिल रहे। पिछले तीन दिन से परिवार के लोग रामपुर निकैनी स्थित मरचुरी से लेकर हादसे वाली नहर तक भटक रहे हैं।
जिनका अभी तक कोई पता नहीं चला है उसमें से एक कुकरीझर निवासी अरविंद विश्वकर्मा (20) के पिता विश्वनाथ का कहना है कि बेटा अपनी फुफेरी बहन बोदरहवा सिहावल निवासी यशोदा विश्वकर्मा (24) को एएनएनएम की परीक्षा दिलाने निकला था। हादसे में यशोदा की मौत हो गई। उसका शव मंगलवार को ही मिल गया लेकिन अरविंद का अब तक कोई पता नहीं चला। ऐसे में हम सब परिवारजन बेहाल हैं।
ये भी पढ़ें- Sidhi bus accident: मुख्यमंत्री के तेवर हुए तल्ख, हुई ये कार्रवाई लापता युवकों में दूसरा बिहार र मूल निवासी रमेश विश्वकर्मा (25 वर्ष) हैं। रमेश के पिता राजेंद्र सीधी में लोकनिर्माण विभाग में कार्यरत हैं। रमेश की बहन की शादी यूपी के बलिया में हुई है। वह बहन के घर जाने के लिए निकला था। उसे सतना से ट्रेन पकड़नी थी। लिहाजा सीधी से सतना जाने के लिए उसी बस में सवार हुआ जो हादसे का शिकार बनी। अब तीन दिन से उसकी कोई खोज-खबर न मिलने से परिजों का रो-रो कर बुरा हाल है। मां अस्तुरना और भाई के आंखों से आंसू थम नहीं रहे।
ये भी पढ़ें- Sidhi bus accident: भीषण हादसे में 51 की हुई मौत, 3 की तलाश जारी तीसरा लापता युवक सीधी निवासी योगेंद्र उर्फ विकास शर्मा (23) है। वह एचडीएफसी बैंक में नौकरी करता है। वह बैंक के ही काम से सतना निकला था। पिता सुरेश कुमार के अनुसार मंगलवार सुबह नौ बजे हादसे की सूचना मिली थी। तब से परिवार योगेंद्र की तलाश में है।