अतिक्रमण हटाने शनिवार दोपहर करीब 12.30 बजे एसडीएम केपी पांडेय पुलिस बल व नगरपालिका का अतिक्रमण दस्ता लेकर मौैके पर पहुंचे। ढेर से करीब दो ट्रॉली काबाड़ हटाया। इसके बाद एसडीएम केपी पांडेय के मोबाइल पर किसी का फोन आया और कार्रवाई रोक दी गई। इस दौरान वे मीडियाकर्मियों के सवालों से भी बचते नजर आए और गाड़ी में बैठकर वहां से निकल गए। अतिक्रमण दस्ता वापस लौटते ही कबाड़ कारोबारी मुद्रिका पटेल के हौसले बुलंद नजर आए, वहीं शहर में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं।
सूत्रों की मानें तो यहां कारोबारी ने नाम 5 डिसमिल जमीन है, लेकिन आसपास की करीब एक एकड़ सरकारी जमीन उसने दबा लिया है। सालों से इस पर कबाड़ का ढेर लगा हुआ है। स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत भी की, कोई अधिकारी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखा पाया। कलेक्टर अभिषेक सिंह के निर्देश पर शनिवार को नगर पालिका व प्रशासन की संयुक्त टीम लाव-लश्कर के साथ पहुंची, लेकिन बैरंग लौटना पड़ा।
वन मंडल कार्यालय के पीछे स्वीपर मोहल्ले के पास शासन की बेशकीमती जमीन बचाने के लिए प्रशासन काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। इस पर कबाड़ कारोबारी का वर्षों से कब्जा है, लेकिन उसे यहां सेे बेदखल करने में पुलिस और प्रशासन के भी पसीने छूट रहे हैं। अतिक्रमण हटाने के लिए फाइलें कई बार दौड़ाई गईं, लेकिन अंतिम समय में उन्हें निराश ही हाथ लगती है।