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साहब का फोन आते ही प्रशासन ने कबाड़ कारोबारी को सात दिन की मोहलत देकर फौरन लौटी, फिर क्या हुआ देखें यहां

कार्रवाई करने गई पुलिस को फोन बजते ही बीच में रोकनी पड़ी कार्रवाई

सीधीJan 13, 2019 / 08:07 pm

Anil singh kushwah

As soon as Saab’s phone arrives, returns to businessman immediately

सीधी. शहर में वनमंडल कार्यालय के पीछे स्वीपर बस्ती के पास सरकारी आराजी में वर्षों से लगे कबाड़ के ढेर को हटाने पहुंची प्रशासनिक टीम को बैरंग लौटना पड़ा। लाव लश्कर के साथ पहुंचे अतिक्रमण दस्ते ने कार्रवाई शुरू की, लेकिन महज दो ट्रॉली कबाड़ हटाने के बाद पीछे हटना पड़ा। सूत्रों का दावा है कि राजनीतिक दबाव में प्रशासन को यह कार्रवाई बीच में रोकनी पड़ी है, जबकि एसडीएम कहते हैं उसे खुद से कबाड़ हटाने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी है। इस दौरान उसने न हटाया तो सख्ती दिखाई जाएगी।
अतिक्रमण हटाने गई थी टीम
अतिक्रमण हटाने शनिवार दोपहर करीब 12.30 बजे एसडीएम केपी पांडेय पुलिस बल व नगरपालिका का अतिक्रमण दस्ता लेकर मौैके पर पहुंचे। ढेर से करीब दो ट्रॉली काबाड़ हटाया। इसके बाद एसडीएम केपी पांडेय के मोबाइल पर किसी का फोन आया और कार्रवाई रोक दी गई। इस दौरान वे मीडियाकर्मियों के सवालों से भी बचते नजर आए और गाड़ी में बैठकर वहां से निकल गए। अतिक्रमण दस्ता वापस लौटते ही कबाड़ कारोबारी मुद्रिका पटेल के हौसले बुलंद नजर आए, वहीं शहर में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं।
फोन बजने के बाद बैरंग वापस लौटी टीम
सूत्रों की मानें तो यहां कारोबारी ने नाम 5 डिसमिल जमीन है, लेकिन आसपास की करीब एक एकड़ सरकारी जमीन उसने दबा लिया है। सालों से इस पर कबाड़ का ढेर लगा हुआ है। स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत भी की, कोई अधिकारी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखा पाया। कलेक्टर अभिषेक सिंह के निर्देश पर शनिवार को नगर पालिका व प्रशासन की संयुक्त टीम लाव-लश्कर के साथ पहुंची, लेकिन बैरंग लौटना पड़ा।
बेसकीमती भूमि बचाने के लिए जद्दोजहद
वन मंडल कार्यालय के पीछे स्वीपर मोहल्ले के पास शासन की बेशकीमती जमीन बचाने के लिए प्रशासन काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। इस पर कबाड़ कारोबारी का वर्षों से कब्जा है, लेकिन उसे यहां सेे बेदखल करने में पुलिस और प्रशासन के भी पसीने छूट रहे हैं। अतिक्रमण हटाने के लिए फाइलें कई बार दौड़ाई गईं, लेकिन अंतिम समय में उन्हें निराश ही हाथ लगती है।

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