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जागरुकता: अभी तक मीजल्स रूबेला का इलाज नहीं, टीकाकरण से ही बचाव संभव

जिले में अभियान 15 जनवरी से, बढ़चढ़कर लोगों ने लिया हिस्सा

सीधीJan 07, 2019 / 01:57 am

Anil singh kushwah

Awareness: Not yet treating Miguel Rubella, vaccination save itself

सीधी. जिले में मिजल्स रुबेला टीकाकरण का अभियान 15 जनवरी से शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति तक चलाया जाएगा। इस अभियान के संबंध में रविवार को आयोजित प्रेसवार्ता हुई। डॉ.आरएल वर्मा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं डॉ. एलसी गुप्ता जिला टीकाकरण अधिकारी द्वारा बताया गया कि सर्दी, जुखाम, आंखे लाल, तेज बुखार, दानेदार लक्षण की बीमारी प्राय: 9 माह से 15 वर्ष के बच्चों में देखी जाती है।
रुबेला के बारे में दी जानकारी
मिजल्स बीमारी के उपरांत बच्चे को दस्त रोग, निमोनिया, अंधापन, कुपोषण दिव्यांगता एवं मृत्यु भी हो सकती है। रूबेला बीमारी में बच्चे को सर्द खासी, आंखे लाल, मामूली बुखार दानेदार जैसे लक्षण पाए जाते हैं और कभी कभी ऐसा भी होता है कि मरीज को बीमारी का पता भी नहीं चलता। यदि रूबेला का संक्रमण गर्भावस्था के प्रथम त्रैमास में हो तो पैदा होने वाले शिशु में जन्मजात अंधापन, बहरापन हृदय रोग एवं मानसिक कमजोरी हो सकती है।
सफाई का रखे विशेष ध्यान
मीजल्स रूबेला का कोई इलाज नहीं है। यह एक वीषाणु जनित रोग है। इसका टीकाकरण ही मात्र एक बचाव है। पहले 9 से 11 माह एवं 16 से 24 माह पर क्रमश: मीजल्स वैक्सीन दिया जाता था। अब उसके स्थान पर इस अभियान से एक ही टीके में 2 बीमारीयों से बचाव के लिए एमआर (मिजल्स रुबेला) का टीका दिया जाएगा।
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