मंडी से लोग लौट रहे खाली हाथ
इसका भाव 15 दिन पहले मात्र 25-30 रुपए प्रति किलो था। इसी प्रकार रसोई की सबसे जरूरी सब्जी आलू व प्याज के दाम ने भी रफ्तार पकड़ रखी है। स्थानीय बाजार मेें इनका दाम 30-35 रुपए प्रति किलो तक जा पहुंचा है। इसी प्रकार भिंडी, तौरी, बैंगन जैसी सब्जियां इन दिनों 35-40 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है, जबकि दस दिन पहले तक इनका दाम 20 रुपए पर टिका था। दूसरी हरी सब्जियों के प्रति किलो दाम का भी यही हाल है। इस प्रकार दाम बढऩे के कारण हरी सब्जियां आम आदमी की पहुंच और साधारण परिवारों की रसोई से दूर हो गई हैं।
इसका भाव 15 दिन पहले मात्र 25-30 रुपए प्रति किलो था। इसी प्रकार रसोई की सबसे जरूरी सब्जी आलू व प्याज के दाम ने भी रफ्तार पकड़ रखी है। स्थानीय बाजार मेें इनका दाम 30-35 रुपए प्रति किलो तक जा पहुंचा है। इसी प्रकार भिंडी, तौरी, बैंगन जैसी सब्जियां इन दिनों 35-40 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है, जबकि दस दिन पहले तक इनका दाम 20 रुपए पर टिका था। दूसरी हरी सब्जियों के प्रति किलो दाम का भी यही हाल है। इस प्रकार दाम बढऩे के कारण हरी सब्जियां आम आदमी की पहुंच और साधारण परिवारों की रसोई से दूर हो गई हैं।
आमजन से दूर हुईं हरी सब्जियां
बैढऩ निवासी शिक्षक रमेश शाह, संतोष पांडेय व अशोक भारद्वाज ने कहा कि इन दिनों हरी सब्जी खरीदना आसान नहीं रह गया। दाम अधिक होने के कारण साधारण परिवारों को या तो हरी सब्जी को छोडऩा पड़ा है अथवा बहुत कम मात्रा में टमाटर या अन्य सब्जी से काम चलाना पड़ रहा है। इस बीच बताया गया कि लगभग 20-25 दिन और हरी सब्जियों के दाम में कमी की उम्मीद नहीं है।
बैढऩ निवासी शिक्षक रमेश शाह, संतोष पांडेय व अशोक भारद्वाज ने कहा कि इन दिनों हरी सब्जी खरीदना आसान नहीं रह गया। दाम अधिक होने के कारण साधारण परिवारों को या तो हरी सब्जी को छोडऩा पड़ा है अथवा बहुत कम मात्रा में टमाटर या अन्य सब्जी से काम चलाना पड़ रहा है। इस बीच बताया गया कि लगभग 20-25 दिन और हरी सब्जियों के दाम में कमी की उम्मीद नहीं है।