जिले में 16हजार 687 किसान चिह्नित किए गए थे। इनका कर्जा माफ करने के लिए 93 करोड़ का बजट जारी था। शासन ने बैंकों को बजट नहीं दिया। जबकि, कर्जमाफी का प्रमाण-पत्र वितरण करने का आदेश जारी कर दिया था। बैंकों ने प्रमाण-पत्र वितरित करना शुरू कर दिया है, लेकिन चंद किसानों के खाते में ही राशि पहुंच पाई है। आचार संहिता लागू हो जाने से ऋणमाफी प्रक्रिया ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। क्योंकि प्रमाण-पत्र में मुख्यमंत्री कमलनाथ सिंह की फोटो थी। इसका वितरण करना आचार संहिता उल्लंघन की श्रेणी में आता।
बैंकों ने भले ही कई किसानों को कर्जमाफी का प्रमाण-पत्र वितरित कर दिया है, लेकिन वास्तविकता में अब तक सिर्फ 48 करोड़ 46 लाख 63 हजार 721 रुपए का ही कर्ज माफ हो पाया है। बताते चलें कि जिले मे 16 हजार 687 किसानों का 93 करोड़ का कर्जमाफ करना था, लेकिन शासन से मिले बजट में से 12 हजार 335 किसानों का 48 करोड़ 46 लाख का कर्ज ही माफ हो पाया है। शेष कर्जमाफी लोकसभा चुनाव के बाद होगी।
शासन ने कर्जमाफी के लिए दो तरीके अपनाएं हैं। सहकारी बैंक केे कर्जदारों की राशि किसानों के खाते में अपेक्स बैंक भोपाल से जारी किए जा रहे हैं। जबकि अन्य बैंक के लिए अलग बजट जारी किया है। इनके कर्जदार किसानों के लिए 3 करोड़ 76 लाख 28 हजार 648 रुपए का बजट दिया गया था। इसमें से आचार संहिता लगने के पूर्व बैंकों ने मात्र 2 करोड़ 19 लाख 23 हजार 383 रुपए का ही कर्जमाफ किया गया, जिसके कारण आचार संहिता लागू होते ही शासन के द्वारा शेष बची एक करोड़ 57 लाख 5 हजार 265 रूपए वापस कर ली है।