इसके तहत अब प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में व्यापारियों से लिए जाने वाले मंडी शुल्क की राशि 1.50 रु. के स्थान पर 50 पैसे तय की गई है। यह छूट 14 नवंबर 2020 से लागू हो गई है और आगे तीन महीने तक लागू रहेगी। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने गत दिनों व्यापारियों से इस संबंध में किए गए वादे को पूरा कर दिया है। व्यापारियों ने मुख्यमंत्री चौहान को आश्वस्त किया था कि इससे मंडियों की आय में कमी नहीं होगी। तीन महीने बाद इस छूट के परिणामों का अध्ययन कर भविष्य के संबंध में फैसला किया जाएगा। विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ये ऐलान किया।
ये भी पढ़ें- कोरोना के तेज होते संक्रमण के बीच CM शिवराज ने किया ये ऐलान… व्यापारियों के आश्वासन पर मंडी शुल्क में छूट दी गई है। छूट की अवधि में यदि मंडियों को प्राप्त आय से मंडियों के संचालन, उनके रखरखाव एवं कर्मचारियों के वेतन भत्तों की व्यवस्था सुनिश्चित करने में कठिनाई नहीं होती है, तो राज्य शासन द्वारा इस छूट को आगे भी जारी रखा जा सकता है।
बता दें कि वर्ष 2019-20 में प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों को मंडी फीस व अन्य स्रोतों से कुल 12 सौ करोड रुपए की आय हुई थी। मंडी बोर्ड में लगभग 4200 तथा मंडी समिति सेवा में लगभग 29 सौ अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं तथा लगभग 2970 सेवानिवृत्त अधिकारी- कर्मचारी हैं। इनके वेतन भत्तों पर गत वर्ष 677 करोड रुपए का व्यय हुआ था।