उन्होंने बताया कि कोरोना जांच के लिए यह मशीन जिले की आवश्यकतानुसार सेंपल टेस्ट के लिए पर्याप्त क्षमता रखती है। शासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार विशेषज्ञों का कहना है कि यह मशीन टीबी जांच में इस्तेमाल की जाती है। इस मशीन द्वारा शरीर के किसी भाग में जैसे फेफड़े की टीबी में बलगम की जांच व अ्य अंगों की टीबी में वहां का द्रव, पस या अंग का टुकड़ा प्रयोग कर यह जानकारी पता चलती है कि टीबी है या नहीं। टीबी होने की स्थिति में यह भी पता लगाया जा सकता है कि टीबी सामान्य है या एमडीआर।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीएल मिश्र ने बताया कि करोना की जांच के लिए इसमें नेट कॉर्टिज चिप लगानी पड़ेगी ज जिसके बाद इससे कोरोना की आसानी से जांच हो सकेगी। देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने के अभयान के तहत यह नई टेक्नॉलजी की हाईटेक टू नेट मशीन का उपयोग किया जाना है। इस मशीन की खासियत है कि इससे टीबी के साथ कोरोना की भी टेस्टिंग संभव है। इस मशीन की क्षमता एक दिन में 20 से 25 जांच करने की है।
पहले इस मशीन से स्क्रीनिंग टेस्ट को ही मंजूरी मिली थी, जबकि कंफर्मेट्री टेस्ट के लिए मेडिकल कॉलेज सेंपल भेजने के निर्देश मिले थे। लेकिन अब स्क्रीनिंग और कंफर्मेट्री टेस्ट इसी मशीन से हो सकेंगे। ऐसे में नमूने मेडिकल कॉलेज नहीं भेजने होंगे।