scriptमंत्री-सांसद के पड़ोसी गांव अतरौला में गहराया पेयजल संकट, दो किमी दूर से ढो रहे पानी | Deepwater Drinking Water crisis in Atraulala, neighboring village Mp | Patrika News

मंत्री-सांसद के पड़ोसी गांव अतरौला में गहराया पेयजल संकट, दो किमी दूर से ढो रहे पानी

locationसीधीPublished: Apr 19, 2019 11:30:08 pm

Submitted by:

Anil singh kushwah

एक हैंडपंप के सहारे पूरा गांव, सुबह 4 बजे से लग जाती है कतार

Deepwater Drinking Water crisis in Atraulala, neighboring village Mp

Deepwater Drinking Water crisis in Atraulala, neighboring village Mp

सीधी/सिहावल. शहर से गांव तक इस समय सियासी पारा गरम है। चुनाव प्रचार में नेता विकास के तमाम दावे करते हैं। रेल, पुल व सड़क सहित बड़ी-बड़ी बातें की जा रही हैं, लेकिन सिहावल विधानसभा क्षेत्र का अतरैला गांव मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज है। ग्राम पंचायत कोरौली के अंतर्गत आने वाले इस गांव की आबादी 300 के आसपास है। यहां केवट समाज के लोग ज्यादा रहते हैं, इसलिए इसे केवटान बस्ती भी बोलते हैं। लेकिन पेयजल के समुचित इंतजाम न होने से लोगों को अलसुबह पानी की व्यवस्था में जुटना पड़ता है। केवटान बस्ती से महज 10 किमी दूरी पर सांसद रीति पाठक व पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल का गांव भी है। लेकिन, पड़ोसी गांव की इस समस्या से दोनों अनजान हैं। यहां के लोग कहते हैं कि एक हैंडपंप से पूरा गांव पानी भरता है। सुबह 4 बजे से हैंडपंप में कतार लगानी पड़ती है। ताकि, काम में निकलने से पहले दिनभर के लिए पानी स्टाक कर लिया जाए।
दो हैंडपंप बंद पड़े, एक के भरोसे पूरा गांव
ग्रामीणों ने बताया कि कहने को तो यहां तीन हैंडपंप हैं, लेकिन गर्मी सीजन शुरू होते ही दो हैंडपंप हवा उगलने लगे। पाइप बढ़वाने के लिए सरंपच सचिव से गुहार लगाई, लेकिन नतीजा कु छ नहीं निकला। नेता लेाग वोट मांगने के लिए आते हैं, विकास की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन पानी की समस्या पर आश्वसन देकर चले जाते हैं। समस्या जस की तस बनी हुई है। पानी भरने को लेकर यहां आए दिन विवाद की स्थिति बनती है।
महिलाओं की परेशानी
एक बुजुर्ग ने बताया जो हैंडपंप चालू हालत में है, वह गांव से दो किमी दूर स्थित है। ऐसे में ज्यादातर परिवारों को पानी भरने के लिए दो किमी दूर जाना पड़ता है। ग्रामीण साइकिल में बाल्टियां लटकाकर या महिलाएं सिर पर बाल्टी रखकर पानी ढोने को मजबूर हैं।
अक्सर होता है विवाद
ग्रामीणों ने पहले आओ पहले पाओ की व्यवस्था लागू कर रखी है, ताकि विवाद न हो। इसके बावजूद अक्सर पानी लेने के क्रम को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित होती रहती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो