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मध्यप्रदेश: सीधी जिले में फैला उल्टी दस्त का प्रकोप, तीन की मौत, दो दर्जन बीमार

locationसीधीPublished: Aug 29, 2018 06:32:29 pm

Submitted by:

suresh mishra

सूचना पर गांव मेें पहुंची स्वास्थ्य टीम, शिविर लगाकर शुरू किया गया उपचार, जायजा लेने पहुंचे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मृतकों में दो मासूब बच्चे भी शामिल

Diarrhea in sidhi District, 3 Died, 24 Hospitalised

Diarrhea in sidhi District, 3 Died, 24 Hospitalised

सीधी। जिले के आदिवासी विकासखंड कुसमी अंतर्गत शंकरपुर भदौरा गांव में उल्टी दस्त का प्रकोप फैलने से तीन लोगों की अकाल मौत हो गई। जबकि करीब दो दर्जन लोग बीमार हैं। मृतकों में दो मासूम बच्चे भी शामिल हैं। बुधवार की सुबह उल्टी दस्त के प्रकोप में हुई युवक की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग को गांव में उल्टी-दस्त फैलने की जानकारी होने पर बीएमओ डॉ.आरबी सिंह मरकाम प्रभावित गांव में अपनी टीम को लेकर पहुंचे व स्वास्थ्य शिविर लगाकर पीडि़तों का उपचार शुरू किया।
बताया गया कि यहां करीब दो दर्जन से अधिक लोग बीमार पाए गए हैं, जिसमें करीब एक दर्जन लोग उल्टी दस्त के प्रकोप में हैं। वहीं एक दर्जन लोग मौसमी बीमारियों के चपेट में हैं। मामले की जानकारी मिलने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आरएल वर्मा भी प्रभावित गांव में पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। विभागीय अधिकारियों के अनुसार पीडि़तों का उपचार किया जा रहा है और स्थिति काबू में है।
ये है पूरा मामला
बताया गया कि आदिवासी विकासखंड कुसमी के शंकरपुर गांव में पिछले दो-तीन दिन से उल्टी-दस्त का प्रकोप फैला हुआ है, जिसमें करीब दो दर्जन लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं। दो दिन पूर्व उल्टी दस्त के प्रकोप में आने से संजय केवट के दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। जिसमें इशिता (2) व अहम (2) शामिल है, संजय केवट के ये बच्चा और बच्ची जुड़वा थे, जिनकी मौत हो गई। उल्टी दस्त से मौत का सिलसिला यहीं नहीं थम गया। मंगलवार की रात करीब 12 बजे शंकरपुर निवासी राजकरण कोल पिता चरकू कोल (32) को उल्टी दस्त शुरू हो गया, उल्टी दस्त का प्रकोप इतना ज्यादा था कि सुबह होते-होते उसकी हालत पस्त हो गई। परिजनों द्वारा स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी गई तो बीएमओ कुसमी द्वारा पीडि़त को उपचार हेतु लाने के लिए एम्बूलेंस भेजा गया, लेकिन जब तक एम्बूलेंस पहुंचा और पीडि़त को एम्बूलेंस में लाने के लिए घर से बाहर निकाला गया तब तक उसकी मौत हो गई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नींद खुली और प्रभावित गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों का जांच परीक्षण कर उपचार शुरू किया गया।
शंकरपुर गांव में उल्टी दस्त के प्रकोप की जानकारी मिलने के बाद शिविर लगाकर उपचार शुरू कर दिया गया है। दो तीन दिन पूर्व दो बच्चों की मौत हुई थी, जबकि बुधवार की सुबह राजकरण कोल की मौत हो गई है। जांच परीक्षण में करीब आधा दर्जन लोग उल्टी दस्त से ग्रसित पाए गए हैं, जिनका उपचार किया जा रहा है। शेष लोगों को मौसमी बीमारी है, जिन्हें भी आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
डॉ. आरबी सिंह, बीएमओ कुसमी
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