आग से झुलसे मरीजों पर अस्पताल प्रबंधन जले में नमक छिड़कने का काम कर रहा है। आलम यह है कि यहां पर भर्ती मरीजों की शिकायत के बाद भी अस्पताल प्रबंधन के कानों पर जूं नही रेंग रही है। वहीं पिछले कुछ महीनों से एसी खराब होने से मरीजों को केवल पंखे में रहना पड़ रहा है। इस वार्ड में एक एसी लगाई गई है। लेकिन उसे मरम्मत कर चालू कराने में स्वास्थ्य प्रशासन आगे नहीं आ रहा है।
मेडिकल वार्ड: पूरे अस्पताल में दो वार्डों एसी ही चालू हैं। मेडिकल वार्ड में पंखे से ही काम चलाना पड़ता है। रोगी भीषण गर्मी से परेशान हैं। रात्रि में ज्यादातर लोग वार्ड छोड़कर बाहर चले जाते हैं।
बच्चा वार्ड:
चिकित्सालय के जिन वार्डो मे एसी लगाई गई थी वे तो बंद पड़ी हुई हैं किंतु बच्चा बार्ड मे एसी लगाई ही नहीं गई है। जिससे 40 पार तापमान में बच्चों की किलकारियां आम बात हो गई। किंतु अस्पताल प्रवंधन बच्चा बार्ड में एसी लगाने की दिशा में कोई रूपरेखा नहीं तैयार कर पाया है।
चिकित्सालय के जिन वार्डो मे एसी लगाई गई थी वे तो बंद पड़ी हुई हैं किंतु बच्चा बार्ड मे एसी लगाई ही नहीं गई है। जिससे 40 पार तापमान में बच्चों की किलकारियां आम बात हो गई। किंतु अस्पताल प्रवंधन बच्चा बार्ड में एसी लगाने की दिशा में कोई रूपरेखा नहीं तैयार कर पाया है।
बर्न यूनिट:
एसी बंद होने से तेज गर्मी में मरीज बेचैन हो रहे हैं, जिससे वे ठंड हवा पाने के लिए वार्ड से बाहर निकलकर बैठते हैं। इनकी तड़प पर अस्पताल प्रबंधन की नजर नहीं पड़ रही है।
एसी बंद होने से तेज गर्मी में मरीज बेचैन हो रहे हैं, जिससे वे ठंड हवा पाने के लिए वार्ड से बाहर निकलकर बैठते हैं। इनकी तड़प पर अस्पताल प्रबंधन की नजर नहीं पड़ रही है।
आईसीयू:
क्रिटिकल केस में मरीजों को आइसीयू में भर्ती किया जाता है कि उन्हें बेहतर उपचार मिल सके, लेकिन यहां भी स्थिति दयनीय है। दीवार पर एसी टिकी है, लेकिन कनेक्शन ही नहीं है। वार्डों में कुछ एसी चालू हैं, जो खराब हो गए हैं वहीं बंद है, जिसकी मरम्मत कराई जाएगी।
डॉ. डीके द्विवेदी, सीएस
क्रिटिकल केस में मरीजों को आइसीयू में भर्ती किया जाता है कि उन्हें बेहतर उपचार मिल सके, लेकिन यहां भी स्थिति दयनीय है। दीवार पर एसी टिकी है, लेकिन कनेक्शन ही नहीं है। वार्डों में कुछ एसी चालू हैं, जो खराब हो गए हैं वहीं बंद है, जिसकी मरम्मत कराई जाएगी।
डॉ. डीके द्विवेदी, सीएस